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केंद्र सरकार ने विवादित IAS अधिकारी पूजा खेडकर को बर्खास्त किया

यूपीएससी ने उन्हें कई बार परीक्षा देने के लिए अपनी पहचान गलत बताने का दोषी पाया. इस विवाद के बाद यूपीएससी ने 2009 से 2023 के बीच आईएएस स्क्रीनिंग प्रक्रिया को पास करने वाले 15,000 से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की जांच की थी.

पूजा खेडकर.

केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर (Puja Khedkar) को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया है. यह कदम संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा सरकारी सेवा की सबसे अधिक मांग वाली शाखाओं में से एक में उनका चयन रद्द करने के एक महीने बाद उठाया गया है.

खेडकर को धोखाधड़ी और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा विकलांगता कोटा लाभ गलत तरीके से लेने का दोषी पाया गया. उनका चयन रद्द करने के बाद यूपीएससी ने उन पर आजीवन प्रवेश परीक्षा देने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

पहचान गलत बताने का दोषी

यूपीएससी ने उन्हें कई बार परीक्षा देने के लिए अपनी पहचान गलत बताने का दोषी पाया. इस विवाद के बाद यूपीएससी ने 2009 से 2023 के बीच आईएएस स्क्रीनिंग प्रक्रिया को पास करने वाले 15,000 से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की जांच की थी.

यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा नियमों का हवाला देते हुए कहा था, ‘इस विस्तृत स्क्रीनिंग प्रक्रिया के बाद पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले को छोड़कर किसी अन्य उम्मीदवार ने सीएसई नियमों के तहत तय सीमा से अधिक संख्या में परीक्षा नहीं दी है.’


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इस अधिकारी ने की थी शिकायत

खेडकर की मुश्किलें जून में तब शुरू हुईं जब पुणे के कलेक्टर सुहास दिवसे ने महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को पत्र लिखकर इस बात की सूचना दी कि ट्रेनी आईएएस अधिकारी ने कार, स्टाफ और एक कार्यालय जैसी सुविधाओं की मांग की, जिसकी वह दो साल की प्रोबेशन अवधि के दौरान हकदार नहीं थीं. इसके बाद खेडकर का तबादला वाशिम कर दिया गया.

विवाद के बीच आईएएस के लिए उनका चयन सुर्खियों में आ गया. यह पाया गया कि उन्होंने ओबीसी उम्मीदवारों और विकलांग व्यक्तियों के लिए रियायती मानदंडों का लाभ उठाया था. इसके बाद यह बात सामने आई कि उनके पिता, जो महाराष्ट्र सरकार के पूर्व अधिकारी थे, के पास 40 करोड़ रुपये की संपत्ति थी और वह ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर टैग के लिए योग्य नहीं थीं.

माता-पिता भी जांच के दायरे में

यह भी सामने आया कि विकलांगता के लिए छूट की पुष्टि के लिए वह सरकारी सुविधा में अनिवार्य स्वास्थ्य जांच के लिए उपस्थित नहीं हुई थी. उसकी सरपंच मां मनोरमा खेडकर का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह लोगों को धमकाने के लिए बंदूक लहरा रही थीं. मनोरमा खेडकर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पिता दिलीप खेडकर पर अब आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में जांच चल रही है.

-भारत एक्सप्रेस

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