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Child Pornography

मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई के एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी थी, जिस पर अपने मोबाइल फोन में बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री डाउनलोड करने का आरोप लगाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया.

Child Pornography: सर्वोच्च न्यायालय आज मद्रास उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा, जिसमें कहा गया था कि निजी तौर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या उसे डाउनलोड करना पॉक्सो अधिनियम के दायरे में नहीं आता है.

Video: सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय बच्चों को किस तरह की सतर्कता बरतनी चाहिए और बच्चों को इंटरनेट से दूर रखने में अभिभावक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, ये आज के अहम सवाल हैं.

केरल हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अगर कोई व्यक्ति निजी तौर पर अश्लील फोटो या वीडियो देख रहा है तो ये आईपीसी की धारा 292 के तहत अपराध नहीं है.