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CJI Sanjeev Khanna

जस्टिस के विनोद चन्द्रन को लेकर केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से सोमवार को अधिसूचना जारी किया गया था. 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चन्द्रन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने के लिए उनके नाम की अनुशंसा केंद्र सरकार से की थी.

कॉलेजियम ने जस्टिस शेखर द्वारा दिए गए बयानों पर उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को अपना स्पष्टीकरण भेज दिया था.

सीजेआई ने कहा कि बार के सदस्य के रूप में मेरा कार्यकाल निश्चित रूप से एक जस्टिस के रूप में मेरे कार्यकाल से लंबा है. जस्टिस बार से आते और बार में वापस जाते है. हम बार से संबंधित है, जितना बेहतर बार होगा, उतना ही बेहतर जस्टिस होंगे.

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि प्रस्तावना में इन शब्दों को जोड़ना संसद को अनुच्छेद 368 के तहत मिली संविधान संशोधन की शक्ति से परे है.