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Hamas israel war

Donald Trump Speech: इजरायल हमास की जंग के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. ट्रंप ने अपनी सरकार आने पर अमेरिका में मुस्लिम कट्टरपंथियों की एंट्री बैन करने का वादा किया है. उनका कहना है कि वे इजरायल की ऐसे रक्षा करेंगे, जैसी अभी तक किसी ने नहीं की.

इजरायली यकीन के मुताबिक 3 हजार साल पहले उनपर दूसरी ताकतों का हमला हुआ. इस समय लगभग 12 यहूदी जातियां देश से निष्काषित कर दी गईं. मणिपुर में रह रहे कुकी इन्हीं में से एक हैं. इजरायल इन्हें वापस बुलाकर नागरिकता का वादा भी कर रहा है.

गाजा पट्टी में स्थित अल अहली अरब अस्पताल अब तक का सबसे भीषण प्रहार हुआ है. इस हमले में 500 लोग मारे गए हैं. गाजा ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है तो इजरायल ने साफ साफ कहा है कि ये फिलीस्तीन इस्लामिक जिहाद का रॉकेट था जो मिसफायर होकर अस्पताल पर गिरा.

Hamas Commander Ayman Nofal Died: इजराइल और हमास की जंग के 11वें दिन इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने हमास के अब तक के सबसे हाई-प्रोफाइल शख्स अयमान नोफ़ल (Ayman Nofal) उर्फ अबू मोहम्मद को मार गिराया है.

इजराइल-हमास जंग के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमास का खात्मा जरूरी है, लेकिन गाजा पर कब्जा इजराइल की बड़ी गलती होगी। बाइडेन के मुताबिक हमास ने बर्बरता की है। इस संगठन का खात्मा जरूरी है, लेकिन फिलिस्तीनियों के लिए भी देश होना चाहिए, अलग सरकार होनी चाहिए।

Ranchi: एयरपोर्ट पर परिवार और मोहल्ले के लोगों ने गाजे बाजे के साथ उनका स्वागत किया. हवाई अड्डे पर झामुमो की संसद महुआ मांझी भी मौजूद रहीं. 

इजरायल और हमास के बीच भीषण खूनी संघर्ष जारी है। इस बीच चीन की राजधानी बीजिंग से चौंकाने वाली खबर आई है। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बीजिंग में इजरायली दूतावास के एक अधिकारी पर जानलेवा हमला किया गया है। इसके बाद भारत में भी इजरायली दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

नेतन्याहू ने सत्ता में वापसी करने के लिए शास, यूटीजे, धार्मिक जियोनिज्म, ओत्जमा येहुदित और नोआम जैसी धुर दक्षिण पंथी पार्टियों का समर्थन लिया है। इनमें कई पार्टियां तो पूरे फिलिस्तीन पर कब्जे के समर्थन में है। इन्हीं वजहों से इजराइल में नई सरकार बनते ही फिलिस्तीन के साथ विवाद बढ़ना तय हो गया था।

इजरायल और फिलिस्तीन आर-पार के इरादे से लड़ते दिख रहे हैं. इस बीच मिस्र में अरब देशों की बैठक हुई. वे इजरायल से गुस्से पर ठंडा पानी डालने की गुजारिश करते हुए जंग रोकने की बात कर रहे हैं. बाहर से फिलिस्तीनियों के हमदर्द दिखते अरब देश उन्हें नागरिकता देने के नाम पर चुप हो जाते हैं.

इजराइल की सेना ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि वो 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले को रोकने में नाकाम रहे। इजराइली सेना चीफ ने कहा है कि लोगों की रक्षा करना सेना का काम है, लेकिन हम इसमें नाकाम रहे। ये हमारे लिए सीख है। अब समय जंग का है।

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