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Imran Khan: पूर्व पीएम इमरान खान ने कहा कि "वह इस बात से परेशान हैं कि देश (Pakistan) में व्याप्त सबसे खराब आर्थिक संकट के बीच उनका देश रूसी कच्चे तेल को रियायती दर पर नहीं खरीद सकता है."

600 से 800 के बीच इंसानों की हड्डियों और उनके अवशेष बरामद किए जा चुके हैं. इतने बड़े पैमाने पर इंसानी हड्डियों का मिलना बेहद ही चौंकाने वाली घटना थी. क्योंकि, मौसम के हिसाब से काफी विपरीत परिस्थिति वाले इस स्थान पर भला इतनी संख्या में मानव कंकाल कैसे पहुंचे? क्या इस स्थान पर कोई सामूहिक नरसंहार हुआ था? क्या ये सभी लोग तीर्थ यात्री थे जो रास्ते में किसी प्राकृतिक आपदा के शिकार हो गए? या फिर किसी अनुष्ठान में इन लोगों ने खुद की बलि दे दी. लेकिन, ये सारे सवाल रिसर्च के लेवल पर धराशायी हो जाते हैं.

China on Arunachal Pradesh: चीन के इस कदम को भारत पहले भी खारिज कर चुका है और कहता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश ‘‘सदैव’’ भारत का अभिन्न अंग रहा है और ‘‘हमेशा’’ रहेगा.

PM Modi Is Most Approved Leader: दुनिया के सरकारी नेताओं और देशों की अप्रूवल रेटिंग पर नजर रखने वाली मॉर्निंग कंसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस कंपनी की ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग में पीएम मोदी टॉप पर हैं.

Apple Inc को पार्ट्स देने वाली कंपनी Pegatron भारत में अपनी नई फैक्ट्री लगाने की बातचीत कर रही है। इस फैक्ट्री में Apple की नई सीरीज के प्रोडक्ट्स बनाए जाएंगे। Apple का पहला प्लांट भारत में सितंबर 2022 में लगाया गया जिसके साथ उसके प्रोडक्ट्स की असेंबलिंग की तेज़ी के साथ शुरुआत हुई। अब खबरों …

Weather Forecast Today: सरकार की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार, अगले छह दिनों तक वायु गुणवत्ता के ‘मध्यम’ श्रेणी में बने रहने की संभावना है.

Army Chief: आर्मी चीफ ने कहा, “चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती का सवाल है, तो उसमें कोई भी कमी नहीं आई है. पड़ोसी देश (China) LAC पर अपनी सेना के आधुनिकीकरण पर खास ध्यान दे रहा है. भारतीय सेना भी तकनीक को तेजी से अपना रही है."

पुलिस और एक वकील को बुलाओ, अन्यथा मैं उनके बच्चों को मार दूंगा और उनके मांस को उनके बर्गर मांस के अंदर छिपा दूंगा.

ऐसे में ‘2023 को भारत का साल’ बताने वाली अमेरिका की भविष्‍यवाणी सच साबित होती दिख रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करवाने के हमारे प्रयास इस सफर को और आसान कर सकते हैं।

जो बाइडन के कार्यकाल के शुरुआती दो वर्षों में गार्सेटी के नामांकन को मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि कुछ सांसदों ने नियुक्ति का विरोध किया था.