भारत आए मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से प्रधानमंत्री मोदी ने की मुलाकात, विभिन्न मुद्दों पर हुआ विमर्श
विदेश मंत्रालय ने एक पोस्ट में कहा गया है कि मलेशिया, भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख स्तंभ है और इस क्षेत्र में एक मूल्यवान साझेदार है.
जानें कौन हैं अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान? राष्ट्रमंडल खेलों में कायम किया था दबदबा
गीतिका की पहली पसंद कुश्ती नहीं थी. सबसे पहले उन्होंने एथलेटिक्स में अपना हाथ आजमाया था.
‘भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है’, पढ़ें अटल बिहारी वायपेयी की कुछ चुनिंदा कविताएं
तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी एक कुशल वक्ता होने के साथ ही जाने-माने कवि भी थे. उनकी वाक्पटुता और भाषण की अद्भुत शैली लोगों को सम्मोहित कर देती थी.
Independence Day Photo Feature | आजादी के रंग में रंगा देश, देखें विविधता में एकता की तस्वीरें
Photo Feature: 15 अगस्त को देश के विभिन्न हिस्सों में 78वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश तक देश तिरंगे के रंग में रंगा नजर आया.
Jawaharlal Nehru’s Tryst With Destiny Speech: ‘हमें स्वतंत्र भारत का महान भवन बनाना है, जहां उसके सभी बच्चे रह सकें’
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14-15 अगस्त 1947 की दरमियानी रात को एक ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसे Tryst With Destiny के नाम से जाना जाता है.
भारत और पाकिस्तान को एक साथ मिली आजादी, लेकिन इन वजहों से PAK 14 अगस्त को मनाने लगा स्वतंत्रता दिवस
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के अनुसार, ‘15 अगस्त, 1947 से भारत में दो स्वतंत्र राष्ट्र स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें क्रमशः भारत और पाकिस्तान के नाम से जाना जाएगा.’
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रही बीजेपी, पीएम मोदी ने बंटवारे के दौरान मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा, "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर हम उन अनगिनत लोगों को याद करते हैं जो विभाजन की भयावहता से प्रभावित हुए और उन्हें बहुत तकलीफ हुई.
बंटवारे के वक्त टॉस जीतकर भारत ने अपने नाम कर ली थी ये शानदार चीज…जानें पाकिस्तान को मिले थे कितने करोड़?
मातृ भूमि के लिए मर मिटने के जज्बे ने अंग्रेजों के पांव उखाड़ दिए थे और उन्हें भारत देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था.
पिंगली वेंकैया: तिरंगे के रचयिता को ही राष्ट्रध्वज नसीब न हुआ!
कांग्रेस के एक अधिवेशन के पिंगली वेंकैया ने राष्ट्रध्वज की आवश्यकता पर बल दिया था. उनका यह विचार महात्मा गांधी को बहुत पसंद आया. उन्होंने उन्हें राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप तैयार करने का सुझाव दिया था.
बांग्लादेश के संदेश को गंभीरता से लिया जाए
शेख़ हसीना द्वारा प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी’ हाल में सेना के साथ सरकार बनाने की बातचीत करने वाली टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा था.