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2025-26 और 2026-27 के लिए, S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के GDP विकास पूर्वानुमान को क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत पर रखा, जो इसके पिछले अनुमानों से 20 आधार अंक (बीपीएस) कम है.

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने अपनी रणनीति में स्पष्ट बदलाव करते हुए खरीदार का रुख अपनाया है. बाजार पर नजर रखने वालों ने शनिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद मजबूती बनी हुई है.

Saint-Gobain In India: फ्रांसिसी सतत निर्माण कंपनी सेंट-गोबेन (Saint-Gobain) की भारत की ओर बढ़ती दिलचस्पी ये जाहिर करती है कि दुनिया में देश की साख बढ़ रही है. यह कंपनी भारत में अपना कारोबार बढ़ाने पर जोर दे रही है.

Self Employment: सहकारी समितियों में 2030 तक 55 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार और 56 मिलियन स्वरोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है, जिससे रोजगार सृजनकर्ता के रूप में उनकी भूमिका और भी बढ़ जाएगी.

रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि उद्योगों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों का ऋण तेजी से बढ़ रहा है और मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे ने ऋण तक पहुंच को बढ़ाया है.

सर्विस सेक्टर में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, जहां पीएमआई 58.5 से बढ़कर 59.2 तक पहुंच गया, जो अगस्त के बाद का सर्वोच्च स्तर है. इसके साथ ही, रोजगार सृजन में भी ऐतिहासिक वृद्धि हुई है.

नवंबर में भारत के निजी क्षेत्र की वृद्धि मजबूत रही, जिसमें नए व्यापार और निर्यात बिक्री में बढ़ोतरी ने उत्पादन वृद्धि को बढ़ावा दिया. सेवा क्षेत्र में रोजगार सृजन में तेजी आई, जबकि विनिर्माण क्षेत्र ने भी मजबूती से प्रदर्शन किया.

मूडीज रेटिंग्स के अनुसार, यह भी उम्मीद है कि अप्रैल-जून तिमाही में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करने के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी स्थिर गति बनाए रखेगी.

देश के दो मेट्रो शहरों दिल्ली और मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने दुनिया के कई बड़े शहरों को पीछे छोड़ दिया है.

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है, "कृषि उत्पादन में सुधार और मुद्रास्फीति में गिरावट से निजी खपत वृद्धि को लाभ मिल सकता है. चालू व्यय को कम करने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप सरकारी खपत में थोड़ी धीमी हो सकती है."