सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने मिलान में सामाजिक-आर्थिक न्याय को आगे बढ़ाने में भारतीय संविधान की भूमिका पर दिया संबोधन
चीफ जस्टिस गवई ने न्याय और समानता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाया न्यायमूर्ति गवई ने भारत की अनूठी संवैधानिक यात्रा, विशेष रूप से गरीबी, असमानता और औपनिवेशिक विरासत के संदर्भ में, पर विचार करके अपनी स्पीच शुरू की
London: ऑक्सफोर्ड यूनियन में CJI जस्टिस बी.आर. गवई का संबोधन- संविधान के वादे को साकार करने की पुकार
CJI जस्टिस बी.आर. गवई ने ऑक्सफोर्ड यूनियन में भारतीय संविधान को सामाजिक क्रांति का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा- भारत में संविधान निर्माता डॉ. आंबेडकर की दूरदर्शिता और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से वंचितों को न्याय और प्रतिनिधित्व मिला.
‘यहां तक कि न्यायाधीश भी जांच से ऊपर नहीं हैं’, CJI बीआर गवई ने यूके सुप्रीम कोर्ट में राउंडटेबल में दिया संबोधन
सीजेआई ने कहा कि हर सिस्टम, चाहे वह कितनी भी मजबूत क्यों न हो, पेशेवर कदाचार के मुद्दों के लिए अतिसंवेदनशील होती है. दुख की बात है कि न्यायपालिका के भीतर भी भ्रष्टाचार और कदाचार के मामले सामने आए हैं.
मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले जस्टिस बी.आर. गवई ने आतंकवाद, युद्ध और राष्ट्रीय जिम्मेदारी पर रखी साफ राय
देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस बी.आर. गवई ने युद्ध, आतंकवाद और राष्ट्रीय जिम्मेदारी पर अपनी स्पष्ट राय रखी. उन्होंने कहा कि युद्ध कोई समाधान नहीं, बल्कि पीड़ा का रास्ता है.