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Justice B.R. Gavai

चीफ जस्टिस गवई ने न्याय और समानता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाया न्यायमूर्ति गवई ने भारत की अनूठी संवैधानिक यात्रा, विशेष रूप से गरीबी, असमानता और औपनिवेशिक विरासत के संदर्भ में, पर विचार करके अपनी स्पीच शुरू की

CJI जस्टिस बी.आर. गवई ने ऑक्सफोर्ड यूनियन में भारतीय संविधान को सामाजिक क्रांति का प्रतीक बताया. उन्‍होंने कहा- भारत में संविधान निर्माता डॉ. आंबेडकर की दूरदर्शिता और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से वंचितों को न्याय और प्रतिनिधित्व मिला.

सीजेआई ने कहा कि हर सिस्टम, चाहे वह कितनी भी मजबूत क्यों न हो, पेशेवर कदाचार के मुद्दों के लिए अतिसंवेदनशील होती है. दुख की बात है कि न्यायपालिका के भीतर भी भ्रष्टाचार और कदाचार के मामले सामने आए हैं.

देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस बी.आर. गवई ने युद्ध, आतंकवाद और राष्ट्रीय जिम्मेदारी पर अपनी स्पष्ट राय रखी. उन्होंने कहा कि युद्ध कोई समाधान नहीं, बल्कि पीड़ा का रास्ता है.