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Mauni Amavasya

महाकुम्भ 2025 में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है. 09 फरवरी तक औसतन 1.44 करोड़ श्रद्धालु प्रतिदिन संगम में स्नान कर रहे हैं. मौनी अमावस्या पर सबसे अधिक 7.64 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई, जबकि मकर संक्रांति और 28 जनवरी को भी करोड़ों ने पुण्य स्नान किया.

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर्व पर बुधवार को बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन योगी सरकार की प्री प्लान्ड तैयारियों और अधिकारियों की सक्रियता ने इसे सीमित कर दिया.

महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर संपन्न हो गया, जहां अखाड़ों ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पहले श्रद्धालुओं को अमृत स्नान करने का अवसर दिया

महाकुंभ प्रशासन ने घटना के 16 घंटे बाद आंकड़े जारी करते हुए बताया कि भगदड़ में 30 की मौत हुई है तो वहीं 60 लोग हुए घायल हो गए हैं.

मौनी अमावस्या के मौके पर गंगा स्नान के लिए हरिद्वार और वाराणसी में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. कड़ाके की ठंड के बावजूद हर की पैड़ी पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए भक्तजन पहुंचने लगे हैं.

स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें.

मौनी अमावस्या पर प्रयागराज के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के लिए गंतव्य दिशाओं के आधार पर कलर कोडेड आश्रय स्थल बनाए गए हैं

मौनी अमावस्या के अमृत स्नान की तैयारियों का जायजा लेते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने संगम में स्नान किया और यातायात व साफ-सफाई व्यवस्था को मकर संक्रांति से भी व्यापक बनाने के लिए अतिरिक्त मैनपावर जुटाने का निर्देश दिया.

महाकुंभ मेले में देश की नामचीन कंपनियां अपनी ब्रांडिंग कर रही हैं और इसके लिए लगभग 30 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही हैं. यह न केवल उत्तर प्रदेश के लिए, बल्कि ब्रांड इंडिया के लिए भी वैश्विक स्तर पर एक मजबूत पहचान बनाने में मदद करेगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौनी अमावस्या के अवसर पर 8-10 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान की संभावना के दृष्टिगत व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के दिए निर्देश .