मिर्जापुर: हिंसा का सामान्यीकरण
जब हम हिंसा के दृश्यों को लगातार देखते हैं तो उनको हम एक सामान्य घटना मानने लग जाते हैं. ऐसी वेब सीरीज युवाओं में यह भाव भी भरते हैं कि पुलिस हमारी मुट्ठी में है और कुछ नहीं होगा?
जब हम हिंसा के दृश्यों को लगातार देखते हैं तो उनको हम एक सामान्य घटना मानने लग जाते हैं. ऐसी वेब सीरीज युवाओं में यह भाव भी भरते हैं कि पुलिस हमारी मुट्ठी में है और कुछ नहीं होगा?