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Water

इस गांव में करीब 1200 लोग रहते हैं और ये सभी अब तक झरने के सहारे ही जीवन जी रहे थे. गर्मियो में झरना सूखने पर पानी खरीदने के लिए अच्छा-खासा बजट गांव वालों को खर्च करना पड़ता था.

यूं तो पृथ्वी के 70% से ज्यादा हिस्से पर जलवायु है, महज 30% भूमि है..मगर इसके बावजूद इसी दुनिया में लाखों-करोड़ों लोग पेयजल को तरसते हैं. समुद्र में कचरा बहुत हो गया है. स्वच्छ जल के लिए जरूरी है नदियाँ साफ की जाएं, इसीलिए शुरू हुई खास पहल —

ERCP से राजस्थान के झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिले में पानी की समस्या से राहत मिलेगी. जानिए विस्तार से —

वरिष्ठ प्रबंधक, जल विभाग चेतराम सिंह का कहना है कि, गंगाजल की लाइन की टेस्टिंग का काम चल रहा है. कुछ जगह मोटर दुरुस्त की जा रही है, जल्द ही पानी सप्लाई सामान्य हो जाएगी.