आज बात लेट्स इंस्पायर बिहार के जरिए बिहार के युवाओं को बिहारी अस्मिता की याद दिलाते हुए अपना, अपनों का एवं बिहार का भविष्य सुधारने के लिए प्रेरित कर रहे 2003 बैच के IPS अधिकारी विकास वैभव की हो रही है. वह मूलतः बेगूसराय के रहने वाले हैं, उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानुपर (IIT) से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है.
वह जनता से सदैव जुड़ाव को महत्व देते हैं इसलिए भी विकास वैभव (Vikas Vaibhav) की अपनी ख़ुद की एक बड़ी फैन फॉलोइंग है. वह लगातार जगह-जगह युवाओं को प्रेरित करते रहते हैं. उन्होंने ‘लेट्स इंस्पायर बिहार’ (Let’s Inspire Bihar) नाम की मुहिम चलायी है जिसके जरिए वह बिहार के युवाओं (Bihar Youth) को राज्य के लिए कुछ करने और सोचने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. लेट्स इंस्पायर बिहार के जरिए युवाओं को जागृत करने के उद्देश्य से कार्यक्रमों में सम्मिलित होते हैं, इस दरम्यान उन्हें कई बार विभागीय मुसीबतों का भी सामना करना पड़ा.
एक इंसान अगर अपने जीवन में चाहे क्या कुछ नहीं कर सकता, इसके साक्षात उदाहरण विकास वैभव जैसे जनप्रिय अधिकारी हैं जिन्होंने अपने संघर्षों और त्याग के बदौलत अपनी एक अलग पहचान बनाई है. देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर उन्होंने 2013 में अपने ब्लॉग ‘Silent Pages : Travels in the Historical Land of India’ पर लिखना शुरू किया जो कि छात्रों के लिए बेहद ही लाभदायक साबित हुआ है.
उनका खुद का अपना यूट्यूब चैनल भी (Youtube Channel) है जिससे वह युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए देखे जाते हैं.
आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों को लेट्स इंस्पायर बिहार मुहिम के तहत इंजीनियरिंग और मेडिकल (IIT और NEET) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने की मुहिम की शुरुआत उन्होंने 2022 से की है. उन्होंने एक परीक्षा का आयोजन कराया जिसमें सफल होने वाले 40-40 यानी प्रतिवर्ष कुल 80 बच्चों को इस मुहिम के तहत मुफ्त में प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने की व्यवस्था कराई है.
पश्चिम चंबल के बगहा में नियुक्ति के दौरान जहां कभी सबसे अधिक अपराध हुआ करते थे. उन्होंने वहां न केवल वन दस्युओं (forest bandits) से क्षेत्र को मुक्त कराया, बल्कि सैकड़ों स्थानीय युवाओं को शिक्षा (Education) ग्रहण करने के लिए प्रेरित करते हुए अपराध रूपी जंजाल से दूर किया. उन्होंने नक्सलवाद के प्रभावित रहे रोहतास जिले के कई इलाकों में आम लोगों का पुलिस (Police) के प्रति विश्वास को बढ़ाने के मुहिम में कामयाबी पाई. इस दौरान उन्होंने कई नक्सलियों का सरेंडर करवाया था. वह बिहार (Bihar) की राजधानी पटना के भी एसएसपी (SSP) रह चुके हैं और वर्तमान समय में वह 18 अक्टूबर 2022 से आईजी होमगार्ड एवं फायर सर्विस (IG Homegaurd & Fire Service) के दायित्व निर्वहन कर रहे हैं.
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