
डॉ. श्रद्धा चौहान - साहस की नई मिसाल

80 साल की उम्र में जहां लोग आराम करने और स्वास्थ्य को बनाए रखने की चिंता करते हैं, वहीं डॉ. श्रद्धा चौहान ने अपने साहस और जज्बे की अनूठी मिसाल पेश की है. मध्य प्रदेश की रहने वाली डॉ. श्रद्धा ने 10,000 फीट की ऊंचाई से स्काईडाइविंग कर भारत की सबसे उम्रदराज महिला स्काईडाइवर बनने का गौरव हासिल किया. यह उपलब्धि न केवल उनकी निजी जीत है, बल्कि यह हर उम्र की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
डॉ. श्रद्धा ने कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. उनकी इस साहसिक छलांग ने यह साबित कर दिया कि उम्र और शारीरिक कमजोरी सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकती. उनके इस कदम ने न केवल उनके परिवार और दोस्तों को गौरवान्वित किया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी उनकी कहानी वायरल हो गई. लोग उनके जज्बे की तारीफ करते नहीं थक रहे.
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जन्मदिन का अनोखा सेलिब्रेशन
डॉ. श्रद्धा ने अपने 80वें जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए स्काईडाइविंग को चुना. यह छलांग उनके लिए केवल एक रोमांच नहीं, बल्कि जीवन के प्रति उनके उत्साह और सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रतीक थी. इस उपलब्धि ने उन्हें नई पीढ़ी के लिए एक रोल मॉडल बना दिया. उनके इस कारनामे का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें लोग उनकी हिम्मत और जोश की सराहना कर रहे हैं.
महिलाओं के लिए बनीं प्रेरणा
डॉ. श्रद्धा की यह उपलब्धि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो उम्र या सामाजिक बंधनों के कारण अपने सपनों को दबा देती हैं. उन्होंने साबित किया कि साहस और इच्छाशक्ति के सामने कोई भी बाधा टिक नहीं सकती. उनकी कहानी बुजुर्गों को यह संदेश देती है कि जीवन में कभी भी कुछ नया करने की शुरुआत की जा सकती है.
सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा
डॉ. श्रद्धा की स्काईडाइविंग का वीडियो और उनकी कहानी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई. नेटिजन्स ने उनकी हिम्मत को सलाम किया और उन्हें एक सच्ची प्रेरणा बताया. उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि उम्र केवल एक नंबर है, और साहस के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
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