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दूसरे ग्रह पर सूर्योदय और सूर्यास्त की जांच कर रहे हैं अंतरिक्ष वैज्ञानिक, नासा के टेलिस्कोप की ली जा रही है मदद; जानें क्या पता चला

डाटा से ये बात भी सामने आई है कि शाम का तापमान काफी गर्म 1,450 डिग्री फारेनहाइट (800 डिग्री सेल्सियस) था.

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सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया

Space News: नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (JWST) का उपयोग करके अंतरिक्ष वैज्ञानिक आकाशगंगा में मौजूद WASP-39 b ग्रह (एक्सोप्लैनेट) के सूर्योदय और सूर्यास्त की जांच कर रहे हैं. WASP-39 b की खोज 2011 में की गई थी. जुलाई, 2022 में यह नासा के JWST द्वारा अध्ययन किया जाने वाला पहला एक्सोप्लैनेट बना था. यह एक विशाल एक्सोप्लैनेट है जो G-प्रकार के तारे की परिक्रमा करता है जो कि पृथ्वी से करीब 700 प्रकाश वर्ष दूर है.

तापमान में पाया जाता है बहुत अंतर

अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने रिसर्च में पाया कि शाम में यह ग्रह करीब 200 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म दिखाई देता है. डाटा से ये बात भी सामने आई है कि शाम का तापमान काफी गर्म 1,450 डिग्री फारेनहाइट (800 डिग्री सेल्सियस) था और सुबह का तापमान अपेक्षाकृत ठंडा 1,150 डिग्री फारेनहाइट (600 डिग्री सेल्सियस) था.

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ग्रह के हमेशा सुबह वाले भाग में संभवतः शाम वाले भाग की तुलना में बादल थे. हालांकि अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस एक्सोप्लैनेट के बारे में और अधिक जानने का प्रयास करते हुए अध्ययन को आगे बढ़ा रहे हैं.

जानें अब तक की जांच में क्या चला पता?

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने वेब के NIRSpec (नियर-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ) का उपयोग करके WASP-39 b पर सुबह और शाम के बीच तापमान में अंतर की पुष्टि की है. तो वहीं शोधकर्ताओं ने पाया है कि WASP-39 b अपने मूल तारे से ज्वारीय रूप से जुड़ा हुआ है. इसका मतलब है कि इसका एक निरंतर दिन वाला भाग और एक निरंतर रात वाला भाग है. ग्रह का एक भाग हमेशा अपने तारे के संपर्क में रहता है, जबकि दूसरा भाग हमेशा अंधेरे में रहता है.

बता दें कि अंतरिक्ष एजेंसी नासा और उसके साथ मिलकर काम करने वाले अंतरिक्ष वैज्ञानिक लगातार नए ग्रहों की खोज में जुटे हुए हैं. ताजा खबर ये भी सामने आई है कि नासा के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने 6 नए एक्सोप्लैनेट की खोज की घोषणा की है, जिससे यह संख्या बढ़कर 5,502 हो गई है. मालूम हो कि लगभग 3 दशक पहले नासा ने हमारे सौरमंडल से अलग जाकर पहली बार किसी ग्रह की पुष्टि की थी और अब 3 दशक के सफर में ही अंतरिक्ष एजेंसी 5,500 से अधिक नए ग्रहों की खोज कर चुकी हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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