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EPFO के करोड़ों यूजर्स के लिए आया बड़ा अपडेट, अब PF अकाउंट होल्डर्स को लेकर बदला नियम, जानिए किसपर होगा असर

EPFO ने पर्सनल जानकारी जैसे नाम, डेट ऑफ बर्थ को सही करने के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) गाइडलाइन जारी किया है. जिसके तहत सदस्‍यों के प्रोफाइल को अपडेट करने के लिए एसओपी वर्जन 3.0 की मंजूरी दे दी गई है.

EPFO Rule Change

EPFO Rule Change

EPFO Rule Change: EPFO ने 7 करोड़ कर्मचारियों के PF अकाउंट को लेकर नया नियम जारी किया है. EPFO ने यह बदलाव मौजूदा सभी यूजर्स के लिए किया है. अगर आप भी एक पीएफ अकाउंट होल्डर्स है तो ये नियम आपके लिए है. ईपीएफओ ने पीएफ अकाउंट्स में अपडेट करने के लिए कुछ नए नियम पेश किए हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे की EPFO की तरफ से किस नियम को पेश किया गया है?

EPFO ने जारी की नई गाइडलाइन

EPFO की नई SOP गाइडलाइन के तहत यूजर्स को अपने प्रोफाइल अपडेट करने के लिए एसओपी वर्जन 3.0 की मंजूरी दी गई है. नए नियम लागू होने के बाद अगर आप अपने UAN प्रोफाइल में कुछ भी सुधार या अपडेट करते हैं तो आपको इसके लिए डॉक्यूमेंट्स देने होंगे. इसके अलावा एक डिक्लेयरेशन देकर बदलाव या सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं.

EPFO ने कही ये बात

ईपीएफओ की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि यह अक्सर देखा जाता है कि यूजर्स से कई तरह की गलतियां हो जाती हैं. इसमें सुधार करने के लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार यह परेशानी डेटा अपडेट नहीं होने के कारण होता है. यही वजह है कि EPFO ने नई गाइडलाइन जारी की है.

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बदलाव को दो कैटेगरी में बांटा गया

EPFO के मुताबिक, अब यूजर्स अपने प्रोफाइल में दो तरह के बदलाव कर सकते हैं. पहला- मेजर और दूसरा माइनर. माइनर बदलाव के लिए यूजर्स को डिक्लेयरेशन के साथ-साथ कम से कम दो जरूरी संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे. वहीं, मेजर यानी बड़े सुधार करने के लिए यूजर्स को कम से कम तीन जरूरी संबंधित दस्तावेज सबमिट करने होंगे. यह ध्यान रखना जरूरी है कि आधार से जुड़े बदलाव के मामले में आधार कार्ड या एक्टिव मोबाइल नंबर से जुड़ा ई-आधार कार्ड सहायक डॉक्यूमेंट्स के तौर पर काफी होगा.

दावों की प्रक्रिया हुई आसान

ईपीएफ मेंबर्स के पास ई-सर्विस पोर्टल के जरिए सुधार के लिए संयुक्त डिक्लेयरेशन पेश करने का ऑप्शन है. सुधार सिर्फ नियोक्या की ओर से मैनेज किए जा रहे खाते से संबंधित डेटा में किए जा सकते हैं. कंपनियां पिछले या अन्य संस्थान के ईपीएफ अकाउंट में बदलाव नहीं कर सकती है. वहीं, अब ईपीएफ दावों की प्रकिया आसान हो गई है. अगर केवाईसी में बैंक दर्ज है तो ऑनलाइन दावे के साथ बैंक पासबुक और चेक अपलोड करने की जरूरत नहीं है.

-भारत एक्सप्रेस 

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