सावधान वरना हो सकता है बाद फ़्रॉड
दुनिया तेजी से ऑनलाइन की ओर बढ़ रही है. इसका फायदा स्कैमर भी उठाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप घोटालों से सावधान रहें. आए दिन नए-नए घोटालों के बारे में सुनने को मिल ही जाता है. एक गलती से पीड़िता के बैंक खाते से लाखों रुपये निकल गए.अब एक सेवा केंद्र घोटाला चल रहा है. हालांकि यह घोटाला कोई नया नहीं है. लेकिन, साइबर ठग इसी का फायदा उठाकर लोगों से ठगी करते हैं.
जब कोई डिवाइस या उत्पाद खराब हो जाता है तो लोग सर्विस सेंटर नंबर की तलाश करते हैं. इसके लिए सबसे आसान तरीका है गूगल सर्च का इस्तेमाल करना. लेकिन, स्कैमर इसका फायदा उठाते हैं. इसके जाल में फंसकर व्यक्ति के लाखों रुपये बर्बाद हो जाते हैं.
दरअसल यूजर्स प्रोडक्ट के सर्विस सेंटर से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाते हैं. इसके बाद वह सीईओ की मदद से गूगल पर टॉप पर रैंक करते हैं. यानी वह वेबसाइट गूगल सर्च रिजल्ट में टॉप पर दिखने लगती है.
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अब जब कोई इससे मिलता-जुलता टर्म गूगल पर सर्च करता है तो वह वेबसाइट के टॉप पर दिखाई देता है. ज्यादातर लोग साइट की प्रामाणिकता जांचे बिना ही उसे खोल लेते हैं और उस पर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल कर लेते हैं.
बैंक खाता खाली कर देंगे स्कैमर्स
यह कॉल स्कैमर के पास आती है. इसके बाद स्कैमर्स यूजर के डिवाइस में मालवेयर ऐप्स इंस्टॉल कर लेते हैं. यूजर्स हर बात को सच मानकर सारी जानकारियां देते रहते हैं. स्कैमर भी इस जानकारी का फायदा उठाते हैं.
ऐप में मालवेयर ऐप होने की वजह से स्कैमर को यूजर की नेटबैकिंग और दूसरी अहम जानकारियां मिल जाती हैं. स्कैमर इसका फायदा उठाकर यूजर के बैंक अकाउंट में सेंध लगाने और बैंक अकाउंट को खाली करने की कोशिश करते हैं.