Bharat Express

SBI ने करोड़ों ग्राहकों को दिया बड़ा झटका, आज से महंगी हो गई लोन की EMI, जानिए किस-किस पर होगा असर

SBI ने अपनी अलग-अलग अवधि के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स यानी (एमसीएलआर) में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का ऐलान किया है.

SBI Latest News

SBI Latest News

भारत का सबसे बड़े सरकारी बैंक (SBI) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक बड़ा ऐलान किया है. अगर आप भी एसबीआई के ग्राहक हैं तो बैंक का ये बड़ा फैसला जरूर जान लें. दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी अलग-अलग अवधि के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स यानी (एमसीएलआर) में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. नई दरें आज गुरुवार 15 अगस्त, 2024 से लागू हो चुकी हैं. बता दें कि SBI द्वारा MCLR में बढ़ोतरी का यह लगातार तीसरा महीना है.

ये हैं नई दरें

तीन साल की अवधि के लिए एसबीआई का नया एमसीएलआर अब 9% से बढ़कर 9.10% हो गया है, जबकि ओवरनाइट एमसीएलआर 8.10% से बढ़कर 8.20% हो गया है. यहां देखिए डिटेल-

  • ओवरनाइट: 8.10% से बढ़कर 8.20%
  • एक महीना: 8.35% से बढ़कर 8.45% हो गया
  • तीन महीने: 8.40% से बढ़कर 8.50%
  • छह महीने: 8.75% से बढ़कर 8.85%
  • एक साल: 8.85% से बढ़कर 8.95%
  • दो साल: 8.95% से बढ़कर 9.05%
  • तीन साल: 9.00% से बढ़कर 9.10%

MCLR Rate का ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?

SBI से पहले कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूको बैंक भी अपने एमसीएलआर दरों में बदलाव कर चुके हैं. इनकी दरें भी इसी महीने से लागू हो चुकी हैं. जब कोई भी बैंक एमसीएलआर दर में बदलाव करती है तो उसका सीधा असर उसके ग्राहकों पर पड़ता है. दरअसल, एमसीएलआर वह मिनिमम दर होती है, जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता. एमसीएलआर जितना बढ़ता है लोन पर ब्याज भी उतना बढ़ जाता है.

ये भी पढ़ें: PM Kisan Yojna: पीएम किसान योजना की 18वीं किस्त आने से पहले करा लें ये जरूरी चीजें, वरना रुक सकते हैं पैसे

लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी

पीएसयू बैंक ने जून 2024 से कुछ अवधियों में एमसीएलआर को 30 आधार अंक (BPS) तक बढ़ाया है. एमसीएलआर वह न्यूनतम ब्याज दर है जिसके नीचे कोई बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अनुमत कुछ मामलों को छोड़कर, उधार नहीं दे सकता है. एमसीएलआर रेट में बढ़ोतरी का मतलब है कि ग्राहकों के लिए होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन जैसे कर्ज का महंगा होना. बता दें कि आरबीआई द्वारा अप्रैल 2016 में उधार दरों के लिए बेंचमार्क के रूप में पिछली आधार दर प्रणाली की जगह एमसीएलआर की शुरुआत की गई थी.

-भारत एक्सप्रेस 



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read