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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश का केंद्रीय बैंक है, जो बैंक नोटों को रेगुलेट करने, मौद्रिक स्थिरता बनाए रखने और देश की क्रेडिट और मुद्रा प्रणाली के संचालन के लिए जिम्मेदार होता है.

Electoral Bond की सबसे बड़ी खरीददार बनकर उभरने वाली कोयंबटूर की लॉटरी कंपनी Future Gaming एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड है. यह कंपनी Lottery King के नाम से मशहूर Santiago Martin की है.

अब स्टेट बैंक ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी सौंप दी है. यह बात SBI ने 21 मार्च की शाम को सुप्रीम कोर्ट में बताई. चुनाव आयोग ने भी नया डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.

वर्ष 2022 में एक बार में सबसे अधिक 50 करोड़ के बॉन्ड खरीदे गए. ये कारोबारी लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा, झांसी, सोनभद्र और महोबा सहित करीब 11 जिलों से जुड़े हैं.

कोर्ट ने कहा कि एसबीआई ने 11 मार्च के आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं किया है, जिसमें उसने चुनावी बॉन्ड के संबंध में बैंक को सभी विवरणों का खुलासा करने का आदेश दिया था.

EC uploaded bond data on website: चुनाव आयोग ने एसबीआई से मिली इलेक्टोरल बाॅन्ड की सूची को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. सूची के अनुसार पोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, सन फार्मा जैसी कंपनियों ने पार्टियों को डोनेशन दिया.

बीते 11 मार्च को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने SBI को 12 मार्च को व्यावसायिक समय खत्म होने से पहले Electoral Bonds से जुड़ा ब्योरा प्रस्तुत करने के लिए कहा था.

एसबीआई द्वारा चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को न दिए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत गर्म हो गई है. दानिश अली ने कहा कि, आज के डिजिटल इंडिया के दौर में कोई भी जानकारी 26 मिनट में दी जा सकती है.

सोमवार को Supreme Court ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए एसबीआई ने 30 जून तक समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी.

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी शेयर करने के लिए एसबीआई ने 30 जून तक समय सीमा बढ़ाने की मांग की है.