प्रतीकात्मक तस्वीर
हाल ही में आई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) की एक रिपोर्ट अनुसार, देश में एजुकेशन लोन की स्थिति बहुत खराब है. बैंको द्वारा दिए जाने वाले कर्ज में शिक्षा क्षेत्र में एनपीए सबसे अधिक बढ़ रहा है. वहीं RBI की रिपोर्ट के अनुसार, व्यक्तिगत ऋण के हालात भी कुछ ठीक नहीं हैं. हालांकि होम लोन में एनपीए की स्थ्ति सबसे कम है. यानि हम कह सकते हैं पढ़ाई को लेकर दिए जाने वाले कर्ज को अधिकांश छात्र लौटाने की स्थिति में नहीं हैं.
रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का 29वां अंक जारी किया, जो वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है.
आंकड़ों के नजरिए से
रिजर्व बैंक की जून 2024 की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) से पता चलता है कि एजुकेशन लोन में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) 3.6 प्रतिशत रहा, वहीं क्रेडिट कार्ड में 1.8 प्रतिशत, ऑटो लोन में 1.3 प्रतिशत और होम लोन में 1.1 प्रतिशत रहा. वहीं रिपोर्ट के अनुसार बैंक समूहों में पर्सनल लोन की सभी श्रेणियों में जीएनपीए अनुपात में कमी आई है. औद्योगिक क्षेत्र में, वाहन और परिवहन क्षेत्र को छोड़कर सभी प्रमुख उप-क्षेत्रों में परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ है.” बता दें कि बैंको द्वारा बांटे गए कर्ज के वापस ना आ पाने की स्थिति को NPA कहते हैं.
एजुकेशन लोन में उछाल
रिपोर्ट में वित्त विशेषज्ञों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश के छात्रों के लिए विदेश में शिक्षा के मौजूद विकल्पों के कारण एजुकेशन लोन में उछाल देखा गया. विशेषज्ञों ने कहा, “पीक सीजन के दौरान एजुकेशन लोन में उछाल देखा गया और इससे कई बार चूक और NPA में भी वृद्धि हुई.”
हालांकि, इसके अलावा RBI ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली मजबूत और लचीली बनी हुई है, जो व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता पर आधारित है.”
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पर्सनल लोन बढ़ा
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2024 में पर्सनल लोन के तहत आवास सेक्टर को उधार देने में 36.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो अन्य सेक्टर में सबसे अधिक है. इसके बाद क्रेडिट कार्ड में 25.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एजुकेशन लोन में 20.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं अन्य पर्सनल लोन में 19.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली. रिपोर्ट में वाहन और ऑटो लोन में 18.3 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई गई है.