सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा
8th Pay Commission: नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. अब सरकार ने कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाने के लिए 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार यानी 16 जनवरी को की. 8वें वेतन आयोग के गठन से 48.67 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा. इस आयोग को 2026 में लागू किया जा सकता है क्योंकि 7वें वेतन का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक है. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि 8वें वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की कितनी सैलरी बढ़ जाएगी.
कितनी बढ़ंगी कर्मचारियों की सैलरी?
8वें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होती हैं तो केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़े बदलाव होंगे. अब तक के पैटर्न को देखें तो सरकारी कर्मचारियों का वेतन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर अलग-अलग लेवल पर रिवाइज होगा. बता दें कि 7वें वेतन आयोग ने सैलरी रिवीजन के लिए 2.57 के फिटमेंट फैक्टर को अप्लाई किया. वहीं 8वें वेतन आयोग के तहत 2.86 के हाई फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की जा सकती है.
7वें वेतन लागू होने पर कितनी बढ़ी थी सैलरी?
7वें वेतन आयोग के गठन के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में सबसे कम बढ़ोतरी हुई थी. इसमें सैलरी को फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से बढ़ाया गया जिसे 2.57 गुना रखा गया था. इससे बेसिक सैलरी 18,000 रुपये हो गई. अगर इसी फॉर्मूले को आधार माना जाता है तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की अधिकतम रेंज के तहत न्यूनतम सैलरी 26,000 रुपये हो जाएगी. इसके विपरित 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था जिससे सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 1.86 प्रतिशत थी. अब 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद फिटमेंट फैक्टर में एक और बदलाव हो सकता है.
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यहां देखें पूरा कैलकुलेशन
अगर फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 कर दिया जाए तो मौजूदा मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है. वहीं पेंशनर्स के लिए पेंशन 9000 रुपये मंथली से बढ़कर मिनिमम बेसिक पेंशन 25740 रुपये मंथली हो सकती है. बता दें कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशर्स के संशोधित मूल वेतन और पेंशन को निर्धारित करने में फिटमेंट फैक्टर की अहम भूमिका होती है.
कैसे-कैसे बढ़ा केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन?
- 4वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन वृद्धि 27.6 फीसदी थी. इसमें न्यूनतम वेतन 750 रुपये तय था.
- वहीं 5वें वेतन आयोग में सैलरी में 31 फीसदी का बड़ा इजाफा किया गया. इससे केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन सीधे बढ़कर 2,550 रुपये महीना हो गया था.
- 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर लागू हुआ. तब इसे 1.86 गुना रखा गया था. इससे कर्मचारियों को सैलरी में सबसे बड़ा उछाल देखने को मिला उनकी न्यूनतम सैलरी में 54 फीसदी बढ़ी और बेसिक सैलरी बढ़कर 7 हजार रुपये हो गई.
- साल 2014 में 7वें वेतन आयोग का गठन हुआ. फिटमेंट फैक्टर को आधार मानते हुए 2.57 गुनी की वृद्धि की गई. लेकिन वेतन वृद्धि सिर्फ 14.29 फीसदी ही हुई.
-भारत एक्सप्रेस
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