सांकेतिक फोटो
UP News: उत्तर प्रदेश में घरेलू बिजली 18 प्रतिशत से ज्यादा महंगी हो सकती है. इसको लेकर 21 अप्रैल को लखनऊ में विद्युत नियामक आयोग सुनवाई करेगा. अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा. जहां एक ओर तेज गर्मी शुरू हो गई है और बिजली की खपत बढ़ गई है. वहीं इस खबर के सामने आने के बाद आम जनता की चिंता भी बढ़ गई है. औद्योगिक इकाईयों पर भी इसका असर हो सकता है. अगर बिजली महंगी होती है तो इसका असर हर चीज पर पड़ेगा और महंगाई बढ़ेगी.
सूत्रों के मुताबिक, बिजली कंपनियों ने बिजली की मौजूदा दरों में औसतन 15.85 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी प्रस्तावित की है. घरेलू बिजली की दरों में ही सर्वाधिक 18.59 प्रतिशत का इजाफा होने की सम्भावना जताई जा रही है. बिजली कंपनियों ने विभिन्न श्रेणियों के लिए जो दर प्रस्तावित की है उस पर इन दिनों विद्युत नियामक आयोग सुनवाई कर रहा है.
बता दें कि 10 अप्रैल को वाराणसी में इस सम्बंध में सुनवाई हुई है और अब आयोग 21 अप्रैल को लखनऊ में बिजली दर पर सुनवाई करने जा रहा है. बिजली कंपनियों ने ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं (बीपीएल के अलावा) के 100 यूनिट तक 3.35 रुपये प्रति यूनिट की दर को 4.35 रुपये प्रस्तावित किए हैं. जानकारी सामने आ रही है कि, घरेलू की दर 18.59 प्रतिशत, निजी व सरकारी संस्थान की दर में 17.62, अस्थाई कनेक्शन की दर में 18.90, भारी उद्योग में 16.25, लिफ्ट इरिगेशन की दर में 16.26 तथा वाणिज्यिक श्रेणी की दर में 11.55 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी प्रस्तावित की गई है.
बिजली दरों में बढ़ोत्तरी नहीं होनी चाहिए
सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित दरों को बहुत अधिक बताते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि, उपभोक्ताओं का ही बिजली कंपनियों पर 25,133 करोड़ रुपये निकल रहा है, इसलिए दरों में बढ़ोत्तरी होनी ही नहीं चाहिए. दरें बढ़ाने का परिषद विरोध करेगा. फिलहाल देखना ये है कि 21 को क्या फैसला आता है.
-भारत एक्सप्रेस
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