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संभल मामले में सीएम योगी का दावा, 68 तीर्थस्थल थे, लेकिन अभी तक 18 ही मिले

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल मामले को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा कि वह योगी हैं और हर संप्रदाय और धर्म का सम्मान करते हैं.

CM YOGI

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल मामले को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा कि वह योगी हैं और हर संप्रदाय और धर्म का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी को भी जबरन किसी स्थान पर कब्जा करने और किसी की आस्था को नष्ट करने का अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा कि संभल में पहले 68 तीर्थस्थल थे, लेकिन अब तक हम केवल 18 को ही खोज पाए हैं. हाल ही में, 56 साल बाद, संभल में एक शिव मंदिर में जलाभिषेक का आयोजन किया गया.

मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति ही औरंगजेब को अपना आदर्श मान सकता है

सीएम योगी ने आगे कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने बयान दिया था कि उनका डीएनए टेस्ट भारत का होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग भारत के संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें पहले अपना डीएनए टेस्ट करवाना चाहिए. साथ ही, उन्होंने विदेशी आक्रांताओं की प्रशंसा करने वालों को चेतावनी दी कि जब संभल जैसी सच्चाई सामने आएगी, तो वे मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे.

औरंगजेब पर टिप्पणी करते हुए सीएम योगी ने कहा कि मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति ही औरंगजेब को अपना आदर्श मान सकता है, जबकि कोई बुद्धिजीवी ऐसा नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि जो लोग औरंगजेब को आदर्श मानते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि उनके बेटे का नाम औरंगजेब रखना चाहिए और उन्हें वही व्यवहार सहन करने के लिए तैयार रहना चाहिए, जैसा शाहजहां ने अपने बेटे से किया था. शाहजहां ने अपनी जीवनी में लिखा था कि ऐसा “कमबख्त” पुत्र किसी को न मिले.

महाकुंभ की आलोचना पर सीएम का जवाब

महाकुंभ पर बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे सनातन धर्म का सच्चा प्रतीक बताया और कहा कि इसने दुनिया को भारत की असली पहचान दिखाई. उन्होंने महाकुंभ को सनातन धर्म के सच्चे स्वरूप का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह दुनिया को आश्चर्य और जिज्ञासा के साथ देखने को मिला. यूपी को महाकुंभ के माध्यम से देश और दुनिया के सामने अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करने का अवसर मिला.

सीएम योगी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि वे हमेशा हर अच्छे काम का विरोध करते हैं. उन्होंने उदाहरण दिया कि स्वतंत्र भारत में पहला कुंभ मेला 1954 में आयोजित किया गया था, जब केंद्र और राज्य दोनों जगह कांग्रेस सत्ता में थी. उस समय अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का माहौल था, जिसके परिणामस्वरूप 1,000 से अधिक मौतें हुईं. हर कुंभ मेला में यही समस्या रही है, यह किसी से छिपा नहीं है.

महाकुंभ 2025 की स्वच्छता पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की आलोचना करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने अपने समय में गंदगी और अराजकता का माहौल बनाया, वे अब स्वच्छ महाकुंभ की आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने 2013 में मॉरीशस के प्रधानमंत्री के प्रयागराज दौरे का उदाहरण दिया, जब उन्होंने संगम में गंदगी और अव्यवस्था देखी और डुबकी लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. उन्होंने दूर से ही श्रद्धांजलि दी और वापस लौट गए.


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-भारत एक्सप्रेस



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