वाराणसी स्थित आईआरआरआई-दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय केंद्र (आईसार्क)
Uttar Pradesh News : पूर्वांचल में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. किसानों के उपजाए धान से बनने वाले चावल की उचित कीमत मिले, इसके लिए बांग्लादेश का कृषि मंत्रालय और इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट साउथ एशिया रीजनल सेंटर (आईसार्क), वाराणसी मिलकर काम करेंगे. इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और कृषि मंत्रालय, बांग्लादेश के वार्षिक प्रदर्शन समझौता (एपीए) पूल के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. लुत्फुल हसन ने इरी दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आइसार्क) का दौरा किया.
बता दें कि डॉ. हसन बांग्लादेश के कृषि मंत्रालय के सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे हैं. वो इरी और बांग्लादेश सरकार के बीच चावल के मूल्य संवर्धन के अवसरों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
उत्पादकता और स्थिरता के पहलुओं पर मंथन
डॉ. हसन ने किसानों को सशक्त बनाने के महत्व पर बातचीत किया और इरी के संभावित सहयोग के माध्यम से इसे हासिल करने की बात कही. उन्होंने चावल को बांग्लादेश में एक प्रमुख फसल के रूप में पहचानते हुए, उत्पादकता और स्थिरता बढ़ाने के लिए नवाचार रणनीतियों और समर्थन प्रणालियों की आवश्यकता बताया.
बांग्लादेश से कृषि क्षेत्र में मजबूती से जुड़ने पर चर्चा
वाराणसी स्थित आईसार्क आए डॉ. हसन ने बांग्लादेश में निम्न ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और उच्च प्रोटीन चावल की किस्में और उनके मूल्य संवर्धित उत्पादों को पेश करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों में गहरी रुचि व्यक्त की. यह पहल जनसंख्या के आहार स्वास्थ्य में सुधार का वादा करती है, खासकर मधुमेह और अन्य संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों को देखते हुए. साथ ही निम्न जीआई चावल का निर्यात, जो समृद्धि लाता है और उनके चावल निर्यात के लिए नए क्षितिज खोलता है. बताया गया है कि इरी और बांग्लादेश के कृषि क्षेत्र के बीच मजबूत संबंधों के पारस्परिक लाभों पर बातचीत हुई.
– भारत एक्सप्रेस
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