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UP: डॉ. राजेश्वर सिंह की पैरा-बैडमिंटन स्टार Suhas L Yathiraj से मुलाकात, जीत की बधाई देकर कहा- ‘हमारे यूथ आइकॉन..’

लखनऊ एयरपोर्ट पर सुहास लालिनाकेरे यथ‍िराज की मुलाकात भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह से हुई. डॉ. राजेश्वर सिंह ने उन्हें खेल विभाग का सचिव बनाए जाने पर बधाई दी. हाल ही में दिखाए गए उनके श्रेष्ठ प्रदर्शन की तारीफ की.

Suhas L Yathiraj hindi news

बैडमिंटन चैंपियन सुहास लालिनाकेरे यथ‍िराज लखनऊ में डॉ. राजेश्वर सिंह के साथ (इनेसट में CM के साथ)

UP News: पेरिस पैरालंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल विजेता और बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतकर वर्ल्ड चैंपियन बने आईएएस अध‍िकारी सुहास लालिनाकेरे यथ‍िराज (Suhas L Yathiraj) हाल में लखनऊ पहुंचे. लखनऊ एयरपोर्ट पर उनकी विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह से मुलाकात हुई.

भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय नेता एवं सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सुहास लालिनाकेरे यथ‍िराज को जीत की बधाई दी और उनके सुनहरे भविष्‍य की कामना की.

डॉ. राजेश्वर सिंह ने X.com पर तस्‍वीर पोस्‍ट करते हुए लिखा, ‘मिस्‍टर सुहास लालिनाकेरे यथ‍िराज ने पैरालिंपिक में रजत पदक जीतकर हमारे देश का नाम रोशन किया है. वे हमारे यूथ आइकॉन हैं. उनका दृढ़ संकल्प, ध्यान और कड़ी मेहनत ऐसे गुण हैं, जिन्हें युवा पीढ़ी को अपनाना चाहिए.’

डॉ. सिंह ने आगे लिखा, ‘हमारे उत्तर प्रदेश को इस पर गर्व है कि उन्हें खेल विभाग का सचिव बनाया गया है. भगवान उनकी सभी कोशिशों में हमेशा उनका साथ दें!!’

कर्नाटक में जन्मे, अब यूपी में अहम पद पर यथिराज

बता दें कि पिछले महीने ही सुहास एल यथिराज ने बतौर भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पेरिस पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीता था. सुहास के सिल्वर मेडल जीतने के साथ ही पैरालंपिक गेम्स में भारत के पदकों की संख्या 13 हो गई. वैश्विक खेल आयोजन में अपना शानदार प्रदर्शन दिखाकर जब सुहास एल यथिराज भारत लौटे तो यहां प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उनका स्‍वागत किया था.

यथिराज उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. फिलहाल वह उत्तर प्रदेश सरकार के युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं. वे गौतम बुद्ध नगर और प्रयागराज के डीएम भी रह चुके हैं. कर्नाटक के शिगोमा में जन्मे सुहास एलवाई ने अपनी तकदीर को अपने हाथों से लिखा. जन्म से ही दिव्यांग (पैर में दिक्कत) सुहास वैसे पहले IAS नहीं बनना चाहते थे. उनकी दिलचस्पी बचपन से ही खेलों में थी.

– भारत एक्‍सप्रेस



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