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मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक महिला समेत 9 और लोगों ने आत्महत्या कर ली। 19 से 31 अक्टूबर तक यानी 13 दिनों में 25 लोग सुसाइड कर चुके हैं। यह संख्या 1990 के मंडल आंदोलन के दौरान की गईं आत्महत्याओं के आंकड़े के बाद सबसे ज्यादा है।

भोपाल संभाग के पांच जिलों की 25 विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है। फिलहाल, भाजपा 12 और कांग्रेस छह सीटों पर मजबूत दिख रही है। सात सीटों पर दोनों पार्टियां एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में हैं।

केंद्र सरकार ने हलाल प्रमाणन निकायों की मान्यता और निर्यात इकाइयों के पंजीकरण की समय सीमा को बढ़ाकर 5 अप्रैल, 2024 तक कर दिया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय ने इसी साल 6 अप्रैल को आदेश जारी किया था कि मौजूदा हलाल सर्टिफिकेशन कंपनियों को छह महीने के भीतर मान्यता लेना अनिवार्य है.

तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मतदान 30 नवंबर को है. यहां इस बार कांग्रेस और भारत राष्ट्रीय समिति के बीच कड़ी टक्कर है. ओपिनियन पोल कहता है कि बीआरएस 42.5 प्रतिशत वोट शेयर के साथ इस बार आगे रहेगी, जबकि कांग्रेस को 36.5 प्रतिशत और भाजपा को 10.75 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है.

सुप्रीम कोर्ट की पांच-सदस्यीय कमेटी आज चुनावी बॉन्ड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हो रही है. अदालत तय करेगी कि राजनैतिक दलों को गुप्त रूप से मिलने वाली फंडिंग का ये तरीका कितना सही है.

छत्तीसगढ़ में पहले चरण में जिन 20 सीटों पर वोट डलेंगे उनमें 12 सीटें बस्तर संभाग की हैं। सभी सीटों पर इस समय कांग्रेस है, लेकिन आने वाले चुनाव में आंकड़े बदल सकते हैं। इस वक्त भाजपा 5 सीटों पर मजबूत दिखाई दे रही है, जबकि कांग्रेस अपने खाते की 12 में से सिर्फ 3 पर मजबूत दिख रही है।

राजस्थान में हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी में पहला चुनावी गठबंधन हो गया है. इन दोनों पार्टियों ने मिलकर 200 सीटों पर प्रत्याशी खड़े करने का फैसला लिया है. यह पहला बड़ा मौका है, जब राज्य में तीसरे मोर्चे बनाने की कवायद हुई है.

सचिन पायलट खेमे के कई कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ज्योति खंडेलवाल और पंडित सुरेश मिश्रा ने बीजेपी में शामिल होने के बाद आरोप लगाया कि पायलट खेमे के नेताओं को कांग्रेस साइडलाइन कर रही है.

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख करीब आने के साथ ही कांग्रेस में टेंशन बढ़ गई है। कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गजों के बीच बढ़ती दूरियों से पार्टी चिंतित है। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी को दोनों के बीच मध्यस्थता करनी पड़ रही है। दोनों को दिल्ली बुलाया गया है।

दिल्ली में 17 नवंबर, 2021 को नई आबकारी नीति लागू की गई। नई नीति से दिल्ली में शराब का पूरा कारोबार प्राइवेट प्लेयर्स को सौंप दिया गया और सरकार पूरी तरह इससे बाहर हो गई। इस मामले की जांच शुरू हुई तो दिल्ली सरकार ने 28 जुलाई, 2022 को नई शराब नीति रद्द कर दी।