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भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज ही की तारीख यानी 31 अक्टूबर 1984 को उनके अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद से देश सन्न हो गया था. इंदिरा गांधी की हत्या से पहले और उसके बाद देश में बहुत कुछ घटा.

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग का मुद्दा 30 अक्टूबर को राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया, जब प्रदर्शनकारियों ने NCP अजीत पवार गुट के विधायक प्रकाश सोलंके के घर और दफ्तर पर पथराव कर दिया। इस मांग को लेकर पिछले 42 सालों में 50 से ज्यादा लोगों की जान जाने का दावा किया जा रहा है।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया है। यह राज्य के मराठवाड़ा इलाके के 8 जिलों में फैल गया है। इनके अलावा, पुणे, अहमदनगर में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं।

दिल्ली की शराब नीति आम आदमी पार्टी हर रोज नई मुसीबत लेकर आ रही है. एक के बाद एक आप नेता जांच एजेंसियों की रडार पर हैं. संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर हैं.

प्याज की कीमत देश के कई हिस्सों में 70 रुपए पार कर गई है। देश की राजधानी दिल्ली में तो एक किलो प्याज की कीमत 75 रुपए तक पहुंच गई। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक नवंबर में प्याज की कीमत 150 रुपए तक पहुंचने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लुटेरों से भिड़ने वाली बीटेक छात्रा कीर्ति सिंह जिंदगी की जंग हार गई. कीर्ति के साथ चलते ऑटो में लूटपाट की कोशिश हुई थी. बदमाशों ने उसका मोबाइल छीनने की कोशिश की थी. लेकिन कीर्ति ने बहादुरी से उनका मुकाबला किया.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 15 साल वर्सेस 5 साल में सिमट गया है। 15 साल में डा. रमन सिंह चाउर वाले बाबा बन गए, वहीं भूपेश बघेल 5 साल में धान, किसान और कर्ज माफी के मुद्दे पर सबके ‘कका’ कहला रहे हैं।

केरल के एर्नाकुलम में कन्वेंशन सेंटर में हुए सीरियल ब्लास्ट की जांच 20 सदस्यीय टीम करेगी। इस हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 3 हो गई है। इसमें एक 12 साल की लड़की भी शामिल है, जिसने देर रात अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव मैदान में अब आवाजाही का मौसम है। जिन्हें टिकटें नहीं मिलीं वे या तो दूसरे प्रमुख दल की शरण में जा रहे हैं या वहाँ भी जगह न मिलने पर छोटे दलों का रुख़ कर रहे हैं। तीनों ही राज्यों में छोटे दल टिकट घोषणा में इसीलिए देरी कर रहे हैं।

केरल के मलप्पुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में रैली निकाली गई. इस रैली को हमास कमांडर और हमास पोलित ब्यूरो के पूर्व चीफ खालिद मशेल ने भी संबोधित किया. इस मुद्दे को लेकर अब देशभर में सियासी बयानबाजी चालू हो गई है.