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इजरायल और हमास के बीच जंग को 10 दिन से ज्यादा हो गए हैं. जंग में अब तक दोनों ओर के हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन सवाल है कि इजरायल जैसे ताकतवर देश से लड़ने के लिए हमास को पैसा कहां से मिल रहा है? आखिर वो कहां से फंड जुटाता है?

इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इजराइल की दिक्कतें लेबनान के गुट हिजबुल्लाह ने बढ़ा दी हैं। ये भी इजराइल पर हमले कर रहा है। इजराइली एयरफोर्स इसके खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है। अमेरिका नहीं चाहता कि इजराइली सेना हिजबुल्लाह के खिलाफ भी जंग छेड़े।

2017 में PM नरेंद्र मोदी के इजराइल दौरे और 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल के समर्थन वाले ट्वीट से रिश्तों के नए दौर का जन्म हुआ. जानिए गांधी से मोदी तक इजराइल-फिलिस्तीन विवाद पर भारत के स्टैंड की पूरी कहानी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बातचीत की है। इस दौरान PM ने गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर भी संवेदना व्यक्त की। मोदी ने अब्बास को भरोसा दिलाया कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय मदद जारी रखेगा।

गाजा के समर्थन में सभी मुस्लिम देश एकजुट हो गए हैं। वेस्ट बैंक से लेकर मिस्र की राजधानी काहिरा तक गाजा में बमबारी को लेकर इजराइल और अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं। दरअसल, जंग के बीच 17 अक्टूबर को देर रात गाजा शहर के अहली-अरब अस्पताल पर जोरदार हमला हुआ। इसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

इजराइल लगातार गाजा पर एयरस्ट्राइक कर रहा है। इस दौरान इजराइल ने गाजा में मौजूद सबसे पुरानी ग्रीक ऑर्थोडॉक्स सेंट पोर्फिरियस चर्च पर हमला किया है। इसमें अब तक करीब 8 लोग घायल हो गए हैं। वहीं कई शव अब भी मलबे में फंसे हुए हैं, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।

मध्य प्रदेश में विधान परिषद गठन का मुद्दा फिर से सुर्खियों में आ गया है. कांग्रेस ने सरकार आने पर विधान परिषद गठन का वादा किया है. कमलनाथ ने मेनिफेस्टो जारी करते हुए कहा है कि विधान परिषद के जरिए प्रदेश के बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता लोगों की आवाज रख सकेंगे.

बकौल कमलनाथ शिवपुरी-गुना का टिकट दिग्विजय सिंह ने बांटे हैं, इसलिए सभी लोग उनका विरोध जाकर करें. कमलनाथ का वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद दिग्विजय सिंह ने एक नसीहत भरा एक पोस्ट किया, जिसका लब्बोलुआब था- गलती का ठीकरा दूसरे पर मत फोड़िए.

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 136 और कांग्रेस ने 144 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। नामों के ऐलान के बाद से ही दोनों ही प्रमुख दलों में अंदरूनी संघर्ष छिड़ गया है। भाजपा में 7 से ज्यादा तो कांग्रेस में 6 से ज्यादा ऐसी सीटें हैं, जहां घोषित उम्मीदवारों का विरोध हो रहा है।

केंद्र में नरेंद्र मोदी के विजयी रथ को रोकने के लिए कुछ महीने पहले 28 विपक्षी दलों ने मिलकर I.N.D.I.A गठबंधन की नींव रखी. सभी दलों का मकसद था, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मिलकर लड़ना और एनडीए को सत्ता में आने से रोकना.