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जब अमेरिका ने किया इनकार और चीन ने जताई थी ये इच्छा… पीएम मोदी ने सुनाया अपने जीवन का सबसे खास किस्सा

जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ के पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन के सबसे कष्टदायक पल का जिक्र किया.

PM Modi

पीएम मोदी (फाइल फोटो)

जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil Kamath) के पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपने जीवन के सबसे कष्टदायक पल का जिक्र किया. निखिल ने जब पीएम मोदी से पूछा कि उनके लिए सबसे कष्टप्रद क्षण कौन-सा रहा, तो पीएम मोदी ने बताया, “सबसे ज्यादा कष्ट तब हुआ जब अमेरिका ने मेरा वीजा कैंसिल कर दिया.”

मोदी कहा, “एक निजी व्यक्ति के तौर पर अमेरिका जाना मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं था, लेकिन मैं तब गुजरात का मुख्यमंत्री था. लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहा था, और यह वीजा न देना सिर्फ मेरा नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान था.”

मोदी ने आगे बताया कि यह फैसला कुछ लोगों द्वारा फैलाई गई गलत सूचनाओं के कारण हुआ था. उन्होंने कहा, “इस घटना ने मुझे परेशान किया लेकिन मैंने उस समय एक संकल्प लिया था. मैंने कहा था कि एक दिन ऐसा आएगा, जब लोग भारतीय वीजा के लिए कतार में खड़े होंगे.”

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से जुड़े दिलचस्प किस्से

बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi ) से हुई पहली बातचीत का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया, “जब मैं प्रधानमंत्री बना, तो दुनिया के तमाम नेताओं के कर्टसी कॉल आने लगे. उसी दौरान शी जिनपिंग का भी फोन आया. उन्होंने शुभकामनाएं दीं और कहा कि मैं भारत आना चाहता हूं.”

मोदी ने उन्हें आमंत्रित करते हुए कहा, “स्वागत है, जरूर आइए.”

इसके बाद शी जिनपिंग ने कहा, “मैं गुजरात भी जाना चाहता हूं.”

मोदी ने उत्तर दिया, “यह तो और भी अच्छी बात है.”

शी जिनपिंग ने आगे कहा, “मैं तुम्हारे गांव वडनगर जाना चाहता हूं.”

यह सुनकर मोदी आश्चर्यचकित हो गए और उन्होंने पूछा, “क्या बात है, आपने वडनगर आने का कार्यक्रम कैसे बना लिया?”

शी जिनपिंग ने इसका जवाब देते हुए कहा, “तुम्हें मालूम है क्यों? ह्वेनसांग (Hiuen Tsang) जो चीनी दार्शनिक थे, उन्होंने सबसे ज्यादा समय तुम्हारे गांव वडनगर में बिताया था. जब वह वापस चीन गए तो मेरे गांव में रहे. इसलिए हमारा एक खास नाता है.”

2014 में हुआ था भव्य स्वागत

प्रधानमंत्री बनने के कुछ महीनों बाद ही 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे. उस दौरान गुजरात में उनका भव्य स्वागत किया गया था. इस दौरे ने भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने का प्रयास किया.


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-भारत एक्सप्रेस



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