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मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र का प्रस्तावित एजेंडा जारी कर दिया है. इसके मुताबिक पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में 75 सालों में संसद की यात्रा पर होगी चर्चा. इस दौरान संविधान सभा से लेकर आज तक संसदीय यात्रा पर चर्चा होगी.

इंडिया अलायंस को आशंका है कि मोदी सरकार तय समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है. लिहाजा गठबंधन के सभी साथी तमाम राज्यों में अभी से सीट बंटवारे के काम में तेजी से जुट गए हैं. एक साल से महागठबंधन सरकार चला रहे नीतीश-लालू के सामने कांग्रेस और लेफ्ट के साथ आममत बनाकर सीट बंटवारे की चुनौती है.

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने अभी तक सीएम चेहरे का एलान नहीं किया है. इस बार शिवराज सिंह चौहान के नाम को लेकर बीजेपी दुविधा में है. इसके पीछे कई वजह बताई जा रही हैं. ऐसे में चर्चाएं हैं कि बीजेपी सामूहिक नेतृत्व या पीएम मोदी के चेहरे को आगे कर इलेक्शन में उतर सकती है.

मौजूदा सांसदों में दागी सांसदों की भरमार। 40 फीसदी सांसदों के खिलाफ आपराधिक और 25 फीसदी सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले विचाराधीन। महिलाओं का शोषण करने के केस भी। हर बड़ी पार्टी और राज्य का दागी सांसदों का "दबदबा"। दागियों को टिकट देना जरूरी या मजबूरी ?

उदयनिधि स्टालिन के डेंगू-मलेरिया से सनातन की तुलना से शुरू हुई सियासी लड़ाई जुबान काटने और आंखें निकाल लेने की धमकी तक पहुंच गई है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने धमकी देते हुए कहा है कि सनातन विरोधियों की जुबान खींच ली जाएगी और आंखें निकाल ली जाएंगी.

उदयनिधि स्टालिन के सनातन विरोधी बयान से 'INDIA' में धर्म संकट में पड़ गया है. सहयोगी दलों को समझ नहीं आ रहा है कि वो DMK नेता के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दें. वहीं बीजेपी, संघ और वीएचपी 'इंडिया अलायंस' पर लगातार हमलावर है.

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इनक्लूसिव अलायंस यानी I.N.D.I.A की कोऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक की चुनौती महाभारत से कम नहीं है. 1 सितंबर को मुंबई में हुई I.N.D.I.A की तीसरी बैठक में 14 सदस्यीय कमेटी की घोषणा की गई थी, जिसमें गठबंधन में राजनीतिक नेता शामिल हैं.

आम आदमी पार्टी एक-एक कर अलग-अलग राज्यों में अकेले दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रही है. ऐसे में आम आदमी पार्टी का ये कदम ‘इंडिया अलायंस’ की मुश्किलें बढ़ा सकता है. एमपी, राजस्थान के बाद अब हरियाणा में AAP ने ‘एकला चलो’ का नारा दे दिया है.

G20 सम्मेलन कई मायनों में सफलतम आयोजन कहा जा रहा है। इसके पीछे की वजह दिलचस्प है। यहां तक की विदेशी मामलों के जानकार और विरोधी खेमे के नेता शशि थरूर तक भारत की मेजबानी के मुरीद हो गए हैं। इसकी बड़ी वजह है विदेश मंत्री एस जयशंंकर की तैयारी और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों की समझ।

पीएम मोदी ने बताया, "हमारे टीम के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बनी है."