नेहरू के पास महीने भर पड़ी रही थी इजरायल पर आइंस्टाइन की चिट्ठी
भारत और इसराइल के राजनयिक संबंधों का इतिहास बहुत लंबा नहीं है. भारत ने इसराइल के बनने के तुरंत बाद एक स्वतंत्र मुल्क के रूप में मान्यता नहीं दी थी. भारत इसराइल के गठन के ख़िलाफ़ था.भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इसके ख़िलाफ़ वोट किया था.
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