जूलियस सीजर
इतिहास में कई घटनाएं ऐसी हैं जो सैकड़ों हजारों साल बाद भी लोगों की जिज्ञासा का केंद्र बनी रहती हैं. वहीं समय के साथ हर दौर में उनकी समीक्षा होती रही है. इन्हीं घटनाओं में से एक थी रोम के राजा जूलियस सीजर की हत्या. महान रचनाकार शेक्सपियर द्वारा लिखे साहित्य में रोम में घटी इस घटना को बेहद ही संजीदगी से बताया गया है. ‘द ट्रेजेडी ऑफ जूलियस सीजर’ विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखा एक रोमन नाटक है, जो बतलाता है कि कैसे रोम में एक समय साजिशों का दौर चल रहा था और किस निर्दयता के साथ सीजर की हत्या की गई थी.
लोकप्रिय तानाशाह
जूलियस सीजर को लोग रोम के इतिहास में अलग-अलग रूपों में याद करते हैं. एक ऐसा किरदार जो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रहा. हालांकि, इस लोकप्रियता की वजह समय के साथ बदलती रही. इतिहास के पन्नों को पलटें तो पता चलता है कि उस समय रोम के तत्कालीन राजनीतिक हालात काफी अस्थिर थे, जब सीजर ने रोम की सत्ता संभाली थी.
एक साहसी, निर्भीक और बुद्धिमान राजा के तौर पर उसकी ख्याती तेजी से फैलने लगी थी. रोम में हुए गृहयुद्ध के बाद वह रोमन साम्राज्य का राजा बन बैठा. वहीं बाद में सत्ता के नशे में चूर हो वह एक तानाशाह शासक बनता चला गया. हालांकि वह बहुत कम समय तक रोम की सत्ता पर काबिज रह पाया.
शेक्सपियर और जूलियस सीजर
अंग्रेजी साहित्य की किताब पढ़ने वाले जूलियस सीजर से काफी हद तक परिचित होंगे. महान रचनाकार शेक्सपियर ने सीजर के जीवन को काफी हद तक नाट्य रूपांतरण के तौर पर बखूबी प्रस्तुत किया. जूलियस सीजर एक राजा से पहले एक बुद्धिमान सेनानायक और राजनेता था. रोम भाषा को सीजर ने तीन शब्द ‘वेनी, विडि और वीसी’ दिए थे. जिनका अर्थ ‘मैं आया, मैंने देखा और मैंने जीत लिया’ है.
जूलियस सीजर का जीवन
जूलियस सीजर का जन्म 100 ईसा पूर्व में हुआ था. उसने अपने जीवन में अनेक साहसिक कार्य किए थे. अपने कामों की बदौलत वह रोम के इतिहास को नए मोड़ पर ले आया. ऐसे में जल्द ही उसकी पहचान रोम में एक कुशल सेनानायक और एक प्रमुख योद्धा के तौर पर होने लगी. रोम की सीमाओं को पार करते हुए उसने इजिप्ट, गॉल (वर्तमान फ्रांस), और अन्य प्रदेशों पर विजय प्राप्त की और अपना अधिपत्य स्थापित किया.
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रोम की राजनीति में सीजर का महत्व
सीजर ने रोम की गद्दी संभालते ही वहां के राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया. उसने सीनेट की प्रतिष्ठा को कमजोर किया और अपने आप को शक्तिशाली राजा के रूप में स्थापित किया. गद्दी संभालते ही उसने रोम में कई राजनीतिक सुधार किए और समाज की भलाई के लिए कई कदम उठाए. लेकिन उसके अधिकारवादी व्यवहार और सेना को लेकर लिए गए कई निर्णयों की वजह से रोम में तेजी से उसके शत्रुओं की संख्या बढ़ने लगी.
14 मार्च की वह तारीख
44 ईसा पूर्व में 14 मार्च वह तारीख थी जब निर्दयता पूर्वक जूलियस सीजर को मौत के घाट उतार दिया गया. सीनेट के ही कुछ लोगों ने मिलकर उसकी हत्या का षड्यंत्र रचा था. यहां तक की ब्रूटस, जो कि सीजर का खास मित्र भी था, वह भी इस जघन्य हत्या में शामिल था. मार्कर्स ब्रूटस और गैज सेसियस के अलावा करीब 60 सीनेटरों ने इस साजिश को अंजाम दिया था.
इन सीनेटरों को सीजर के द्वारा उठाए गए कदम तानाशाह जैसे लगने लगे थे. रोम के लोकतंत्र के लिए सीजर को वे एक बड़ा खतरा मानने लगे थे. 14 मार्च के दिन सीनेटरों ने सीजर पर चाकूओं से कई वार करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया. रोम में भरी सभा के बीच उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई.
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यह घटना रोम के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ की तरह थी, जिसके परिणामस्वरूप रोम की आगे की राजनीति काफी हद तक प्रभावित हुई. जूलियस सीजर को लोग एक हीरो के तौर पर देखते थे. जिसने रोम को प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ाया. सीजर की हत्या के बाद रोम का राजा बना ऑक्टेवियन.
-भारत एक्सप्रेस
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