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Tibet Earthquake: भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 126 हुई, भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए थे झटके

Tibet Earthquake: भूकंप का केंद्र शिगात्से शहर के टिंगरी काउंटी में था. टिंगरी तिब्बत की राजधानी ल्हासा से करीब 400 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है और नेपाल की सीमा पर है. माउंट एवरेस्ट पर जाने वालों के लिए यह एक पर्यटन केंद्र है.

(फाइल फोटो: IANS/Xinhua)

Tibet Earthquake: नेपाली सीमा के पास तिब्बत में मंगलवार (7 जनवरी) को 7.1 तीव्रता का भूकंप आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई. भूकंप के झटके बिहार, असम और पश्चिम बंगाल समेत भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए. समाचार एजेंसी एएफपी ने चीनी मीडिया शिन्हुआ के हवाले से ये जानकारी दी है.

भूकंप का केंद्र शिगात्से शहर के टिंगरी काउंटी में था. टिंगरी तिब्बत की राजधानी ल्हासा से करीब 400 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है और नेपाल की सीमा पर है. माउंट एवरेस्ट पर जाने वालों के लिए यह एक पर्यटन केंद्र है.

तीन बार आया भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप मंगलवार सुबह 6:35 बजे दर्ज किया गया. एनसीएस डेटा से पता चलता है कि पहले भूकंप के तुरंत बाद इस क्षेत्र में दो और भूकंप आए. दूसरा भूकंप 4.7 तीव्रता का था, जो सुबह 7:02 बजे 10 किलोमीटर की गहराई पर आया तथा तीसरा भूकंप 4.9 तीव्रता का था, जो सुबह 7:07 बजे 30 किलोमीटर की गहराई पर आया.

अक्सर आते हैं भूकंप 

नेपाल भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में बसा हुआ है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, जिससे हिमालय का निर्माण होता है और यहां भूकंप अक्सर आते रहते हैं. 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में लगभग 9,000 लोग मारे गए और 22,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिससे पांच लाख से ज्यादा घर नष्ट हो गए. भूकंप के झटके खास तौर पर बिहार में महसूस किए गए, जहां लोग अपने घरों और अपार्टमेंट से बाहर देखे गए. भूकंप के कारण किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.

-भारत एक्सप्रेस



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