चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी.
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तालट होने के बाद से ही हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहा है, हिंदुओं के धार्मिक स्थल और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है, जिसके खिलाफ आवाज उठाने वाले इस्कॉन मंदिर के चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी पर सख्त कार्रवाई की गई है. चिन्मय कृष्ण दास पर देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ है. चिन्मय कृष्ण दास ने लगातार हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किए थे.
देशद्रोह का मामला दर्ज
चिन्मय कृष्ण दास पर देशद्रोह का ये मामला चटगांव में हुई एक रैली को लेकर दर्ज किया गया है, इस रैली में चिन्मय कृष्ण दास के आह्वान पर हजारों की संख्या में हिंदू शामिल हुए थे. उनपर आरोप है कि उन्होंने इस रैली के माध्यम से देश की संप्रभुता के प्रति अवमानना दिखाई और प्लानिंग के साथ देश की अखंडता को नकारने के लिए राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया.
क्या है आरोप?
आरोप है कि इस्कॉन समूह ने अपने प्रदर्शन के दौरान चटगांव कोतवाली इलाके के न्यू मार्केट चौराहे पर सरकार विरोधी छात्र प्रदर्शन में बनाए गए राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर अपना धार्मिक झंडा लगाया था. धार्मिक झंडे को इस तरह से फहराने को स्वतंत्र राज्य की अखंडता को नकारने के समान बताया गया है.
यह भी पढ़ें- क्यों हो रही हैं ‘मुस्लिम नाटो’ बनाने की पुरजोर कोशिशें, संगठन बना तो भारत के लिए कितना खतरा?
हिंदुओं से की थी एकजुट होने की अपील
बता दें कि पिछले महीने इस्कॉन की ओर से आयोजित एक सभा में चिन्मय दास ने हिंदुओं को एकजुट होने की अपील की थी, उन्होंने कहा था, “हम हिंदू हैं, हम ऋषियों के उत्तराधिकारी हैं, हम आर्यपुत्र हैं. हम मरते दम तक लड़ेंगे. हिंदुओं, एक हो जाओ, खतरों से सावधान रहो.”
-भारत एक्सप्रेस