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‘बोलने में दिक्कत…सुन्न पड़ जाता है शरीर’, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लेकर रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

हाल ही में प्रेसीडेंशियल डिबेट में बाइडेन पर ट्रंप भारी पड़ते हुए दिखाई दिए थे. जिसके बाद से ही ये मांग उठने लगी है कि जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की दौड़ से खुद को बाहर कर लें. उनके स्वास्थ्य और उम्र को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं.

Joe Biden

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जो बाइडेन को शाम को 4 बजे के बाद काम करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा विदेश यात्रा या फिर ज्यादा देर तक काम करने से उन्हें थकान होने लगती है, जिससे उन्हें बोलने में भी दिक्कत होती है. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या वे अगर दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो फिर अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे?

एक्सियोस की एक रिपोर्ट में खुलासा

बता दें कि एक्सियोस की एक रिपोर्ट में व्हाइट हाउस के एक कर्मचारी के हवाले से लिखा गया है कि बाइडेन 6 घंटे से ज्यादा काम नहीं कर पाते हैं. शाम को 4 बजे के बाद उन्हें थकान हो जाती है. जिससे उन्हें बोलने में भी परेशानी होती है.

गौरतलब है कि हाल ही में प्रेसीडेंशियल डिबेट में बाइडेन पर ट्रंप भारी पड़ते हुए दिखाई दिए थे. जिसके बाद से ही ये मांग उठने लगी है कि जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की दौड़ से खुद को बाहर कर लें. उनके स्वास्थ्य और उम्र को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं.

कई बार सुन्न हो जाते हैं बाइडेन- रिपोर्ट

एक्सियोज की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट हाउस को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ता है कि शाम को 4 बजे के पहले या फिर एक निश्चित समय के अंदर सभी मीटिंग को (जो बाइडेन के साथ होती हैं) खत्म कर लिया जाए. जिससे राष्ट्रपति बाइडेन ठीक से बात कर सकें. व्हाइट हाउस के कई अधिकारियों के अनुसार इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जो बाइडेन कई बार सुन्न हो जाते हैं, बोलने में समस्या आती है.

यह भी पढ़ें- अमेरिका में क्यों उठ रही है जो बाइडन के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से हटने की मांग? पढ़ें क्या है पूरा मामला

क्या बोले जो बाइडेन?

दूसरी ओर जो बाइडेन ने इस खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वे अगला कार्यकाल पूरा करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, हो सकता है कि मैं अब वैसे ना चल पाता होऊं जैसे पहले चला करता था. या फिर जैसा पहले बोलता था वैसा ना बोल पाऊं, लेकिन इसपर बहस करने की जरूरत नहीं है. मुझे पता है कि मैं क्या कर सकता हूं? उन्होंने कहा कि अगर उन्हें लगता कि वह पूरी क्षमता से सेवा नहीं कर सकते तो वह चुनाव लड़ने के बारे में न सोचते.

-भारत एक्सप्रेस

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