सोशल मीडिया पर शेयर किया गया पोस्टकार्ड
Ajab Gajab: कहते हैं कि देर आए दुरुस्त आए, लेकिन कभी-कभी इतनी देर हो जाती है कि फिर उस चीज या काम का कोई मतलब ही नहीं रहता है. ऐसी ही लेट लतीफी का एक हैरतअंगेज मामला विदेश से सुनने में आया है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. यह वाकया आजकल सोशल मिडिया पर भी सुर्खियों में बना हुआ है. देरी का आलम यह कि एक शख्स द्वारा भेजे गए खत को अपने पते पर पहुंचने में दो-चार दिन नहीं, बल्कि 54 साल लग गए. ऐसे में जब खत अपना पता ढूंढता हुआ अपने लिखे हुए ठिकाने पर पहुंचा तो काफी देर हो चुकी थी. जिस शख्स के लिए खत लिखा गया था वह शख्स उस पते पर मौजूद ही नहीं था, आइए जानते हैं पूरा माजरा.
54 साल बाद जब खत पहुंचा तो…
बीते दिनों जेसिका मीन्स नाम की एक महिला ने जब अपना मेलबॉक्स खोला तो उन्हें एक पोस्टकार्ड मिला. ऐसे में जब उन्होंने इस पर लिखी तारीख देखी तो उनकी आंखों को सहसा इस पर विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि पोस्टकार्ड पर जो तारीख अंकित थी, वो आज से 54 साल पहले की थी. वहीं उनकी हैरानी तब और बढ़ गई जब उन्होंने इसे भेजने वाले के बारे में जानना चाहा. पता चला कि जिसने यह चिट्ठी लिखी है, उसे मरे हुए 30 साल से भी अधिक समय हो गया है.
जेसिका के अनुसार उन्हें मिला यह पोस्टकार्ड साल 1969 में 15 मार्च को फ्रांस की राजधानी पेरिस से भेजा गया था. जिस पर ताल्हासी, फ्लोरिडा का पता अंकित है और 12 जुलाई 2023 का नया पोस्टमार्क है. हालांकि शुरु में जेसिका को लगा कि किसी पड़ोसी के लिए यह चिट्ठी आई है. लेकिन जल्द ही उन्हें यह समझ में आ गया कि यह पोस्टकार्ड वह जिस घर में रहती हैं उसके मूल मालिक मिस्टर एंड मिसेज रेने ए गगनन के लिए था.
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जानें क्या लिखा था एफिल टॉवर से भेजे इस खत में
सोशल मिडिया पर चर्चित इस पोस्टकार्ड में लिखा था कि- ‘जब तक ये कार्ड आपको मिलेगा, मैं घर आ चुका होऊंगा, लेकिन एफिल टॉवर से इसे भेजना मुझे सही लगा, जहां पर अभी मैं मौजूद हूं. बहुत कुछ देखने का तो मौका नहीं मिला, लेकिन जितना देखा वो मज़ेदार है’. कार्ड को पाने वाली जेसिका ने इसे जब सोशल मीडिया पर शेयर किया तो उसके बाद से ही यह तेजी से वायरल होने लगा. वहीं लोग इस बात की संभावना से कि शायद इसे लिखने वाले को कोई जानता हो एक-दूसरे को टैग कर रहे हैं.