Bharat Express

अशांति-हिंसक घटनाओं के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं ने निकाली विशाल रैली, उठाई सुरक्षा और समान अधिकारों की मांग

हिंदुओं की मांग है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना हो, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन हो, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून बने और संसद के 10 प्रतिशत सीटों का आवंटन अल्पसंख्यकों के लिए हो.

bangladesh hindu news

Bangladesh Unrest: बांग्लादेश में तख्तापलट के साथ फैली हिंसा, अराजकता और अशांति के बीच शनिवार को हजारों हिंदू बांग्लादेश के मध्य में चिट्टागोंग में एकत्र हुए, उन्होंने देश के भीतर हिंदुओं पर हो रहे हमले के खिलाफ एक विशाल विरोध रैली निकाली और देश के नागरिकों के रूप में सुरक्षा और समान अधिकारों की मांग की.

5 अगस्त को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश के 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों, विशेषकर हिंदुओं के उत्पीड़न की असंख्य घटनाएं सामने आई हैं.

Bangladesh Protest Unrest Sheikh Hasina AF

7 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया

चिट्टागोंग के ऐतिहासिक चेरगी पहाड़ चौराहे पर आयोजित विशाल विरोध रैली को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें सात लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें लोगों ने हिंदुओं के खिलाफ चल रही हिंसा का विरोध किया, जो पूर्व पीएम हसीना के तख्तापलट के बाद भारत में पहुंचने के बाद से बढ़ गई है.

माना जाता है कि पिछले कुछ दिनों में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घरों, व्यवसायों और यहां तक ​​​​कि मंदिरों पर हमला किया है, जिसमें सैकड़ों हिंदू घायल हो गए हैं.

हालात अभी भी बद-से-बदतर

लगातार जारी हिंसा देश में अंतरिम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है, यहां मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में गुरुवार को अंतरिम सरकार का शपथ भी हो गया है, लेकिन हालात अभी भी बद-से-बदतर बने हुए हैं. शुक्रवार को, बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई ओइक्या परिषद ने यूनुस को एक ‘खुला पत्र’ भेजा, जिसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक विशेष समूह के द्वारा की जा रही ” हिंसा” पर “गहरा दुख और चिंता” व्यक्त की गई.

निर्मल ने कहा, “हम सुरक्षा चाहते हैं क्योंकि हमारा जीवन संकटपूर्ण स्थिति में है. हम रात भर जागकर अपने घरों और धार्मिक स्थलों की रखवाली कर रहे हैं. मैंने अपने जीवन में ऐसी घटनाएं कभी नहीं देखी है. हम मांग करते हैं कि सरकार देश में सांप्रदायिक सद्भाव बहाल करे.” ‘द डेली स्टार’ ने एकता परिषद के अध्यक्ष रोसारियो के हवाले से यह बात कही.

percentage of Hindu in Bangladesh

पत्र में उल्लेख किया गया है कि हसीना के ढाका छोड़ने के तुरंत बाद शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के बीच “व्यापक भय, चिंता और अनिश्चितता” पैदा कर दी है.

हजारों हिंदू परिवार बेसहारा हो गए

अखबार की मानें तो “संगठनात्मक विवरण और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हजारों हिंदू परिवार बेसहारा हो गए हैं और कई मंदिरों पर हमला किया गया और जला दिया गया है. कई महिलाओं को हमलों का सामना करना पड़ा है, और कई स्थानों पर हत्याएं हुई हैं. इस अवधि के दौरान अन्य अल्पसंख्यकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है.”

ढाका ट्रिब्यून ने यह भी बताया कि बांग्लादेश हिंदू जागरण मंच ने देश भर में हिंदू समुदाय पर हाल की बर्बरता, आगजनी, लूटपाट और हमलों के विरोध में जुलूस और रैलियां आयोजित की.

हिंदू समुदाय ने चार सूत्री मांग रखी

अखबार ने शुक्रवार को ढाका के शाहबाग में आयोजित एक विरोध रैली के बाद रिपोर्ट दी कि रैली के दौरान, हिंदू समुदाय ने चार सूत्री मांग रखी, जिसके अनुसार देश में अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून और संसद के 10 प्रतिशत सीटों का आवंटन अल्पसंख्यकों के लिए हो.

अंतरिम सरकार को गुरुवार को अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कुरान के अलावा अन्य धार्मिक ग्रंथों को शामिल न करने के लिए भी कई हलकों से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

द डेली स्टार ने एकता परिषद के हवाले से बताया कि इसके सदस्य काजल देवनाथ ने कहा, “अन्य धार्मिक ग्रंथों के पाठों का बहिष्कार हमारे संविधान, मुक्ति संग्राम की भावना और भेदभाव-विरोधी मूल्यों के विपरीत है। हमें उम्मीद है कि भविष्य के राज्य समारोहों में सभी प्रमुख धार्मिक ग्रंथों के पाठों को शामिल किया जाएगा.”

— भारत एक्सप्रेस

Also Read