Bharat Express

गाजा युद्धविराम पर बड़ा संकट, इजरायल ने बंधकों की रिहाई पर काहिरा वार्ता से किया इनकार, जानिए क्यों हुआ ऐसा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इजरायल के एक अधिकारी ने खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया के साथ मिलकर यह निर्णय लिया है.

PM Benjamin Netanyahu

PM Benjamin Netanyahu

पिछले माह अक्टूबर से शुरु गाजा युद्धविराम पर बड़ा संकट मंडराता दिख रहा है. इजराइल ने बंधकों की रिहाई पर काहिरा वार्ता से इनकार किया कर दिया है. एक वरिष्ठ इजराइली अधिकारी कि मानें तो इजरायल ने युद्धविराम और गाजा से बंधकों की रिहाई के संबंध में चर्चा के लिए काहिरा में अपना प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजने का फैसला किया है.

यह है वजह

इजरायल के इस फैसले की वजह हमास द्वारा इजरायल की दो प्रमुख मांगों की उपेक्षा करना बताया जा रहा है. इन मांगों में बंधकों की एक सूची प्रदान करना, वे भी विस्तार पूर्वक यह बतलाते हुए कि इनमें से कौन जो जीवित हैं और कौन मर चुके हैं. वहीं दूसरी मांग बंधकों के बदले इजरायल की जेलों से रिहा किए जाने वाले फिलिस्तीनी कैदियों के अनुपात की पुष्टि करना बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इजरायल के एक अधिकारी ने खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया के साथ मिलकर यह निर्णय लिया है.

काहिरा वार्ता में नहीं होगी इजरायल की भागीदारी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम पिछले गुरुवार को एक भाषण में नेतन्याहू की कही गई शर्तों का पालन करता है, जहां उन्होंने किसी भी समझौते पर आगे बढ़ने से पहले बंधकों की पहचान पर स्पष्टता की आवश्यकता पर जोर दिया था. बिडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के एक बयान के बावजूद यह संकेत दिया गया कि इजरायल ने प्रस्तावित छह सप्ताह के युद्धविराम को मूल रूप से स्वीकार कर लिया है. हालांकि हमास की प्रतिक्रिया के चलते काहिरा वार्ता में इजरायल की भागीदारी अब नहीं होगी. हमास का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को काहिरा पहुंचा और उम्मीद जताई कि चर्चा से शत्रुता समाप्त होगी.

इसे भी पढ़ें: Pakistan Govt Formation 2024: चुनावों में धांधली के आरोपों के बीच नवाज शरीफ के भाई शहबाज बने प्रधानमंत्री, पहले भाषण में कश्मीर-फिलिस्तीन पर रोना रोया

हमास ने कही यह बात

हालांकि, हमास के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने अभी तक मीडिया के कुछ सवालों का जवाब नहीं दिया है कि क्या समूह ने इजरायल की शर्तों के बारे में क्या कहा है. हमास के एक सूत्र के अनुसार, वार्ता में शेष बचे बिंदुओं में स्थायी युद्धविराम स्थापित करना, गाजा पट्टी से इजरायली सैनिकों की वापसी – जिन्हें “कब्जा बल” कहा जाता है , और दक्षिण से विस्थापित व्यक्तियों की वापसी की शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार, आशावाद के बावजूद, एक राजनयिक सूत्र ने धीमी प्रगति का हवाला देते हुए तत्काल सफलता की संभावनाओं में कमी का जिक्र किया. वहीं यह भी कहा कि अगले 48 घंटों के भीतर कोई समझौता नहीं हो सकता है.



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read