
सांकेतिक फोटो (PixaBay)
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 17 जनवरी को शॉर्ट वीडियो ऐप TikTok पर प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. अदालत ने TikTok की मूल कंपनी ByteDance को आदेश दिया है कि वह ऐप को गैर-चीनी खरीदार को बेचे या 19 जनवरी तक अमेरिका में इसे पूरी तरह बंद कर दे.
यह फैसला सर्वसम्मति से नौ जजों ने लिया, जिसमें अमेरिकी कांग्रेस और न्याय विभाग ने इस ऐप को ‘अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा’ बताया.
दो दिन की समय सीमा
TikTok, जिसे अमेरिका में करीब 17 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं, 19 जनवरी से ऐप स्टोर पर उपलब्ध नहीं होगा. इसका मतलब है कि अमेरिकी यूजर्स इस लोकप्रिय ऐप को डाउनलोड या अपडेट नहीं कर सकेंगे. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि प्रतिबंध कितने समय तक लागू रहेगा.
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे, ने कहा है कि वह इस मामले का ‘राजनीतिक समाधान’ निकालने का प्रयास करेंगे ताकि ऐप को अमेरिका में जारी रखा जा सके.
प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप
सांसदों का आरोप है कि TikTok ‘जासूसी और प्रोपेगेंडा फैलाने की एक मशीन’ है. उनका मानना है कि इस ऐप के जरिए चीनी सरकार अमेरिकी नागरिकों की निजी जानकारी तक पहुंच बना सकती है.
TikTok ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि वह अपने यूजर्स के डेटा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
भारत में पहले से TikTok
भारत ने सुरक्षा चिंताओं को लेकर TikTok पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया था. भारत में बैन के बाद YouTube Shorts और Instagram Reels को काफी फायदा हुआ. हालांकि, उस समय कई अन्य वीडियो प्लेटफॉर्म्स भी उभरे, लेकिन उनमें से कोई भी लंबे समय तक लोकप्रिय नहीं रह पाया.
यूजर्स पर असर
TikTok पर प्रतिबंध से उन लाखों अमेरिकी यूजर्स पर असर पड़ेगा, जो मनोरंजन, ई-कॉमर्स और विज्ञापन के लिए इस ऐप पर निर्भर हैं. यह देखना बाकी है कि अमेरिकी सरकार इस विवाद का स्थायी समाधान निकाल पाती है या नहीं.
-भारत एक्सप्रेस
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