प्रतीकात्मक तस्वीर
WHO On Covid-19: कोरोना को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने शुक्रवार को बड़ा एलान किया है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोविड अब पब्लिक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं रह गया.
डब्लयूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अद्यनोम घेब्रेयेसस ने इस फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि, “कल (गुरुवार, 4 मई) इमरजेंसी कमेटी की 15 वीं बार बैठक हुई. इसमें मुझसे सिफारिश की गई कि मैं दुनिया में कोविड-19 के वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी के दायरे से बाहर होने का एलान कर दूं. मैंने उनकी सलाह मान ली है.”
हालांकि, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने यह भी कहा कि कोरोना को पब्लिक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी से हटाने का मतलब ये नहीं है कि कोविड खत्म हो गया है. पिछले हफ्ते ही कोविड हर तीन मिनट में एक इंसान की जान ले रहा था. कोरोना को लेकर सतर्क रहने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि अभी भी इसके नए वेरिएंट आ रहे हैं. ऐसे में सर्तक रहने की जरूरत है.
दुनिया में ऐसे फैला था कोरोना
बात करें कोरोना के फैलने की तो कोरोना वायरस के बारे में सबसे पहले चीन से सूचना आनी शुरु हो गई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन को चीन ने 31 दिसंबर 2019 को बताया था कि वुहान में निमोनिया जैसी बीमारी फैल रही है. वहीं डब्लूएचओ ने 30 जनवरी 2020 को कोविड को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था. तब चीन में 100 से कम कोरोना के केस आए थे और किसी की मौत नहीं हुई थी. वहीं तीन साल बाद लाखों लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा चुके थे. इस दौरान दुनिया भर में कोरोना का खौफ देखा गया. कोरोना के कारण लगने वाले लॉकडाउन में जिंदगियां मानों थम सी गई थीं.
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फैसले के पीछे यह वजह
दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना को लेकर WHO ने कहा कि पिछले एक साल में हुए कोविड के केस में गिरावट को देखते हुए कोरोना को पब्लिक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी से हटाने का फैसला लिया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस फैसले पर कहा कि कोविड का इतना बड़ा असर हुआ कि स्कूल से लेकर ऑफिस तक बंद रहे. कई लोगों को इस दौरान भारी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा. कोरोना ने विश्व की अर्थव्यवस्था को भी तबाह कर दिया.
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