सांकेतिक तस्वीर.
भारत में हर राज्य और गांव की अपनी एक खास पहचान होती है, लेकिन असम का मायोंग गांव कुछ अलग ही कारणों से चर्चा में है. यह गांव न सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां के काले जादू और तंत्र-मंत्र की विद्या के कारण भी इसकी एक रहस्यमयी छवि बन गई है. असम के गुवाहाटी शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित मायोंग को ‘ब्लैक मैजिक कैपिटल’ भी कहा जाता है. यह गांव न केवल अपनी अजीबो गरीब मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां से जुड़ी डरावनी कहानियां भी लोगों को यहां आने से डराती हैं.
काले जादू में महारत हासिल
मायोंग के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग काले जादू में पारंगत होते हैं और तंत्र-मंत्र की विभिन्न विदाओं का अभ्यास करते हैं. यहां एक काला जादू म्यूजियम भी स्थित है, जिसमें तंत्र-मंत्र से जुड़ी वस्तुएं और काले जादू से संबंधित कई रहस्यमयी चीजें रखी जाती हैं. गांव में एक रिसर्च सेंटर भी है, जहां काले जादू पर अध्ययन किया जाता है. इस गांव को लेकर एक और डरावनी बात यह है कि यहां पहले इंसानों की बलि दी जाती थी. इसके लिए एक विशेष स्थान भी था, जहां कोई मूर्ति नहीं थी, लेकिन वहां एक बलि देने का हथियार रखा जाता था.
भयावह कहानी प्रचलित
यहां की एक और भयावह कहानी है कि पहले इस गांव में महिलाओं का राज था और वे पुरुषों को जादू से जानवर बना देती थीं. कहा जाता है कि अगर कोई पुरुष गांव में आता था, तो महिलाएं उसे जादू से जानवर बना देती थीं और उसे वश में कर लेती थीं. इस कारण मायोंग गांव से जुड़ी ‘जानवर बनाने’ की कहानियां लोगों के बीच फैल गईं.
तंत्र-मंत्र से इलाज भी किया जाता है
मायोंग में तंत्र-मंत्र की विद्या में कुछ विशिष्ट मंत्र भी शामिल हैं, जैसे ‘बाटी चोरण मंत्र’ से आंखों की दिक्कत दूर करना, ‘जोरा मंत्र’ से दर्द का इलाज करना और ‘बन कोटा विद्या’ से भूत-प्रेत को निकालना. लेकिन गांव के लोग इन मंत्रों को बाहरी लोगों से साझा नहीं करते, जिससे इस गांव के रहस्यों को और भी गहरा बना दिया गया है.
मायोंग गांव का इतिहास महाभारत से भी जुड़ा हुआ बताया जाता है, जहां काले जादू का अभ्यास किया जाता था. हालांकि, इस गांव के बारे में अफवाहों और रहस्यों का क्या सच है, यह कहना मुश्किल है. लेकिन आज भी इस गांव की खौ़फनाक छवि लोगों में डर पैदा करती है.
-भारत एक्सप्रेस