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“वह मानवता से नफरत करते हैं”, जॉर्ज सोरोस को मिले US के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पर भड़के Elon Musk, दिया ये बड़ा बयान

जॉर्ज सोरोस की संस्थाएं दुनिया भर के करीब 120 देशों में काम करती हैं और कई देशों में इन पर प्रतिबंध भी लगाए गए हैं. उनका नाम रूस, तुर्की, हंगरी जैसे देशों में विवादों से जुड़ा हुआ है.

George Soros

टेस्ला सीईओ एलन मस्क और जॉर्ज सोरोस.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में विवादित कारोबारी जॉर्ज सोरोस को अमेरिका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया. यह सम्मान अमेरिका में ‘भारत रत्न’ जैसा है, जो देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान के रूप में माना जाता है. जॉर्ज सोरोस, जो एक बड़े निवेशक और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक हैं, पर कई देशों की सरकारों को गिराने और आर्थिक अस्थिरता फैलाने के आरोप लग चुके हैं.

“सभ्यता के ताने-बाने को नष्ट कर रहे”

जॉर्ज सोरोस को मिले प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम सम्मान को लेकर टेस्ला के सीईओ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. एलन मस्क ने कहा, यह हास्यापद है कि बाइडेन सोरोस को मेडल ऑफ फ्रीडम दे रहे हैं. मेरे विचार से जॉर्ज सोरोस मूल रूप से मानवता से नफरत करते हैं. वो ऐसी चीजें कर रहे हैं जो सभ्यता के ताने-बाने को नष्ट कर रहे हैं.

सोरोस पर गंभीर आरोप

भारत के संदर्भ में भी सोरोस की राय नकारात्मक रही है. उन्होंने 2023 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलोकतांत्रिक बताया था. सोरोस की ओपन सोसायटी फाउंडेशन, जिसे वे स्वतंत्रता, समानता और न्याय के लिए काम करने वाली संस्था बताते हैं, पर कई गंभीर आरोप हैं. इसमें विरोधी दलों को फंडिंग देने और राजनीतिक अस्थिरता फैलाने के आरोप शामिल हैं.

बाइडेन प्रशासन ने की तारीफ

हालांकि, बाइडेन प्रशासन ने सोरोस को उनके योगदान के लिए तारीफ की और कहा कि वे स्वतंत्रता और न्याय के लिए समर्पित रहे हैं. लेकिन रिपब्लिकन नेताओं ने बाइडेन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कदम अमेरिका के लिए अपमानजनक है.

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120 देशों में फैली हैं संस्थाएं

सोरोस की संस्थाएं दुनिया भर के करीब 120 देशों में काम करती हैं और कई देशों में इन पर प्रतिबंध भी लगाए गए हैं. उनका नाम रूस, तुर्की, हंगरी जैसे देशों में विवादों से जुड़ा हुआ है. उनके खिलाफ कई बार अभियान चलाए गए हैं, जहां उन्हें “अराजकता का दूत” भी कहा गया है.

-भारत एक्सप्रेस



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