प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- GQR)
Oxfam Report: कोविड-19 महामारी के चलते 2020 की तुलना में 2021 में कम संख्या में महिलाओं को रोजगार मिला. ये दावा एक रिपोर्ट में किया गया है. ऑक्सफैम की ‘द असॉल्ट ऑफ ऑस्टेरिटी’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘महामारी के कारण 2020 की तुलना में 2021 में कम संख्या में महिलाओं को रोजगार मिला. महिलाओं को इन जरूरी सार्वजनिक सेवाओं में कटौती के परिणाम के रूप में शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे उन पर ज्यादा निर्भर करती हैं.’
इस रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी से उबरने के बाद की राह महिलाओं एवं लड़कियों के जीवन की सुरक्षा और उनके कठिन परिश्रम की कीमत पर तैयार की जा रही है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व भर में सरकारें महामारी से अपनी अर्थव्यवस्थाओं को उबारने और महंगाई पर रोक लगाने की कोशिशों के तहत महिलाओं एवं लड़कियों को गरीबी के नए स्तर, अधिक कामकाज और समय से पहले मृत्यु के अभूतपूर्व खतरे में डाल रही है.
महिलाओं और लड़कियों को स्वच्छ पानी के लिए भी करना पड़ा संघर्ष
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘महिलाएं एवं लड़कियां स्वच्छ जल प्राप्त करने के लिए अधिक परेशानी का सामना कर रही हैं. इसके अभाव में हर साल उनमें से 8,00,000 की जान चली जाती है।’ इसमें कहा गया है कि वे अधिक हिंसा का सामना करती हैं, यहां तक कि हर 10 महिलाओं एवं लड़कियों में एक को बीते साल अपने करीबी व्यक्ति से यौन और शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ा.
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ऑक्सफैम प्रमुख अमीना हेरसी ने क्या कहा
लैंगिक न्याय एवं लैंगिक अधिकार मामलों की आक्सफैम प्रमुख अमीना हेरसी ने इस मामले पर बात करते हुए कहा, ‘महामारी के बाद इससे उबरने की राह महिलाओं एवं लड़कियों के जीवन, कड़ी मेहनत और सुरक्षा की कीमत पर तैयार की जा रही है.’ उन्होंने कहा, ‘मितव्ययिता लैंगिक आधारित हिंसा का एक रूप है.’ उन्होंने कहा कि सरकारें सार्वजनिक सेवाओं में कटौती कर नुकसान पहुंचाना जारी रख सकती हैं, या वे उन लोगों पर टैक्स लगा सकती है जो इसे वहन कर सकते हैं.
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