Bharat Express

Giorgia Meloni on Islam: ‘इस्लाम के लिए यूरोप में जगह नहीं’ मोदी की दोस्त ने इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ खोला मोर्चा

Islam को लेकर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने बड़ा बयान दिया है और इटली में हो रही इस्लामिक फंडिंग तक पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

Giorgia Meloni on Islam: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के बीच कुछ ज्यादा ही चर्चा होती है. मोदी अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अब अपने दोस्त की तरह ही जॉर्जिया मेलोनी भी आए दिन आक्रामक बयान देने लगी है. मेलोनी ने अब इस्लामिक कट्टरता को लेकर बड़ा बयान दिया है. मेलोनी ने कहा है कि यूरोप में इस्लामिक संस्कृति के लिए कोई जगह ही नहीं है. उन्होंने कहा है कि इटली में अरब से इस्लाम के नाम पर फंडिंग होती है, जिस पर आए दिन सवाल खड़े होते रहे हैं.

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा है कि सऊदी में शरिया लागू है. यूरोप में हमारी सभ्यता के खिलाफ इस्लामीकरण की प्रक्रिया चल रही है. मेलोनी ने कहा है कि वो इस्लाम को एक निर्धारित चश्मे से नहीं देख रही हैं। बल्कि जो समस्याएं हैं सिर्फ उन्हीं के बारे में बात कर रही हैं. खास बात यह है कि मेलोनी का ये बयान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बयान के बाद आया है. जिन्होंने कहा था कि यूरोप का संतुलन बिगाड़ने की ताक में लगे कुछ देश जानबूझकर शर्णार्थियों की संख्या बढ़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें-Dawood Ibrahim: ‘टारगेट किलिंग से लेकर मुंबई बम ब्लास्ट तक’, भारत में दाऊद इब्राहिम ने किए ये बड़े गुनाह

दरअसल, इटली की धुर दक्षिणपंथी पार्टी- ब्रदर्स ऑफ इटली के एक कार्यक्रम में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा था कि वह शरणार्थियों से जुड़ी नीति और प्रणाली में वैश्विक सुधारों के पक्षधर हैं. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में आगाह किया था कि शरणार्थियों की बढ़ती संख्या यूरोप के कई देशों को प्रभावित कर सकता है.

यह भी पढ़ें-PM Modi in Kashi: प्रधानमंत्री ने वाराणसी को दी 19 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की सौगात, वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी

इसके अलावा ऋषि सुनक ने कहा था कि अगर यूरोप में शरणार्थियों की समस्या से निपटने का प्रयास नहीं किया गया तो इनकी संख्या बढ़ती जाएगी. इससे हमारी क्षमता पर असर पड़ेगा, हम वास्तव में जरूरतमंद लोगों और देशों की मदद नहीं कर सकेंगे. ऋषि सुनक ने कार्यक्रम में यह भी दोहराया था कि यूरोपीय देशों को अपने कानून अपडेट करने की जरूरत है.

-भारत एक्सप्रेस 

Bharat Express Live

Also Read

Latest