विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) की लेटेस्ट वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2018 और 2023 के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के लिए भारत के पेटेंट और इंडस्ट्रियल डिजाइन फाइल करने की संख्या दोगुनी हो गई है, जिससे देश छठे स्थान पर पहुंच गया है. पहली बार भारत को तीन मुख्य बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों : पेटेंट, इंडस्ट्रियल डिजाइन, एप्लीकेशन और ट्रेडमार्क एप्लीकेशन के लिए दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल किया गया. भारत में पेटेंट फाइल करने की दर लगातार पांचवें साल दोहरे अंकों में रही है.
2023 में भारत में 64,480 पेटेंट फाइल
WIPO की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत में फाइल पेटेंट की संख्या 64,480 थी. पेटेंट फाइल करने में देश की वृद्धि दर 2022 की तुलना में 15.7 प्रतिशत रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में दुनिया भर में 35 लाख से अधिक पेटेंट फाइल किए गए. यह लगातार चौथा वर्ष था, जब वैश्विक पेटेंट फाइल करने में सकारात्मक वृद्धि देखी गई. 2023 में अधिकतम पेटेंट 1.64 मिलियन चीन से फाइल किए गए. चीन के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका से 5,18,364 पेटेंट और इसके बाद दक्षिण कोरिया से 2,87,954 पेटेंट फाइल हुए. दक्षिण कोरिया के बाद 133,053 पेटेंट जर्मनी और 64,480 पेटेंट भारत से फाइल हुए.
पेटेंट के लिए एशिया शीर्ष स्थान पर बना हुआ
पेटेंट के लिए एशिया शीर्ष स्थान पर बना हुआ है, जो 2023 में वैश्विक पेटेंट, ट्रेडमार्क और इंडस्ट्रियल डिजाइन फाइल करने की गतिविधि क्रमशः 68.7 %, 66.7 %और 69 % है. बौद्धिक संपदा अधिकार किसी व्यक्ति की बुद्धि से की गई क्रिएशन, जो प्रकृति में मौजूद नहीं है, को परिभाषित करता है. इनमें आविष्कार, साहित्यिक और कलात्मक कार्य, डिजाइन, प्रतीक, नाम और वाणिज्य में उपयोग की जाने वाली छवियां शामिल हैं. बौद्धिक संपदा अधिकारों को उनके अवैध इस्तेमाल से रोकने के लिए कानून द्वारा संरक्षित किया जाता है. बौद्धिक संपदा अधिकारों में पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, इंडस्ट्रियल डिजाइन, भौगोलिक संकेत और व्यापार रहस्य शामिल हैं.
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना 1967 में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के रूप में की गई थी. स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित संगठन का मुख्य कार्य दुनिया भर में बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण को बढ़ावा देना है. यह संगठन संयुक्त राष्ट्र की 15 विशेष एजेंसियों में से एक है.
-भारत एक्सप्रेस