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चीन में श्वसन रोगों के बढ़ते मामलों के बाद भारत ने बढ़ाई अपनी सतर्कता, स्वास्थ्य मंत्रालय ने की उच्च स्तरीय बैठक

चीन में श्वसन रोगों के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र, भारत ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है. भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस गंभीर स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की.

चीन में HMPV Virus

चीन में HMPV Virus

नई दिल्ली: चीन में श्वसन रोगों के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र, भारत ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है. भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस गंभीर स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की. बैठक में अधिकारियों ने इस संकट से निपटने के लिए तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चाएं कीं और जरूरी कदम उठाने पर बल दिया.

चीन में श्वसन रोगों का संकट:

चीन में श्वसन रोगों के मामलों में अचानक वृद्धि हो रही है, जिसके कारण स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो गया है. अधिकारियों के अनुसार, कोविड-19 के बाद अब कुछ अन्य श्वसन संक्रमण तेजी से फैल रहे हैं, जिनका प्रभाव बड़ी संख्या में लोगों पर पड़ रहा है. ऐसे में भारत ने इन घटनाक्रमों को गंभीरता से लेते हुए अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने का फैसला किया है.

भारत में सतर्कता बढ़ी:

भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन से आने वाली रिपोर्टों के आधार पर अपनी रणनीति को सक्रिय किया है. सरकार ने देश भर में विशेष निगरानी प्रणाली को लागू किया है, ताकि यदि कोई श्वसन रोग भारत में फैलने का खतरा बनता है तो तुरंत उसका पता चल सके. इसके लिए प्रमुख हवाई अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है और उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्वास्थ्य प्रणालियाँ तैयार हैं. अगर किसी भी प्रकार का श्वसन संक्रमण फैलने की संभावना होती है, तो हम उसे त्वरित रूप से नियंत्रित करेंगे.”

स्वास्थ्य मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक:

स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, सचिव और संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में मुख्य रूप से इस संकट से निपटने के लिए आवश्यक कदमों की योजना बनाई गई. इसमें कोविड-19 के बाद अन्य श्वसन रोगों के प्रसार को लेकर विशेष रणनीतियों पर चर्चा की गई. मंत्रालय ने राज्यों को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं और पर्याप्त चिकित्सकीय संसाधन सुनिश्चित करने की सलाह दी.

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि चीन से आने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य जांच और वायरस के संभावित प्रसार के मद्देनजर राज्यों को पर्याप्त कदम उठाने के लिए निर्देशित किया जाएगा. इसके अलावा, भारत ने अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को एक बार फिर से परीक्षण के लिए तैयार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके.

भारत की तैयारियाँ और एहतियाती कदम:

भारत में, कोविड-19 के बाद से श्वसन संक्रमणों को लेकर सतर्कता पहले से ही बनी हुई है, लेकिन अब चीन से बढ़ते श्वसन रोगों के मामलों को देखते हुए भारत ने अपने तंत्र को और भी मजबूत किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा व्यवस्था की क्षमता को और बेहतर बनाने के लिए आपातकालीन योजना तैयार की है. साथ ही, अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता, बिस्तरों की स्थिति और अन्य चिकित्सा उपकरणों की पर्याप्तता को लेकर भी समीक्षा की जा रही है.

नागरिकों से अपील:

स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों से भी सतर्क रहने की अपील की है. मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि यदि किसी को जुकाम, खांसी या बुखार जैसी समस्याएं हो, तो वे तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और कोविड-19 या अन्य श्वसन रोगों से बचाव के लिए मास्क पहनने, हाथ धोने और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसी सावधानियां बरतें. इस स्थिति को देखते हुए भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और हर संभव कदम उठाने का संकल्प लिया है.

-भारत एक्सप्रेस



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