ईरान के प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी और इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू.
Iran Israel Tension: मध्य पूर्व एशिया के दो देश युद्ध की कगार पर खड़े हैं. अमरीकी अखबार वाॅल स्ट्रीट जर्नल ने दावा किया कि अगले दो दिनों में ईरान इजराइल पर हमला कर सकता है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजराइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला हो सकता है. ऐसे में भारत, अमेरिका, फ्रांस समेत 6 देशों ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी करते हुए दोनों देशों की यात्रा करने से बचने को कहा है.
इस हमले का तात्कालिक कारण इजराइल द्वारा सीरिया की राजधानी दमिश्क पर किया गया वो हमला हो सकता है जिसमें एक टाॅप ईरानी जनरल और 6 सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई. ईरा न ने इस हमले के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि इस पर अभी तक इजराइल की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. जानकारी के अनुसार इजराइली जहाजों ने ईरानी महावाणिज्य दूतावास पर हमला किया था. इस हमले का बदला लेने के लिए ईरान अब अटैक की तैयारी कर रहा है.
ये मुस्लिम देश दे सकते हैं ईरान का साथ
मध्य पूर्व के राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर मिडिल ईस्ट में युद्ध छिड़ता है, तो ईरान को खाड़ी के कई मुस्लिम देशों का साथ मिल सकता है. अगर इजराइल के साथ जंग होती है तो इराक, सीरिया, तुर्किए, कतर और जाॅर्डन जैसे देश उसका साथ दे सकते हैं. हालांकि युद्ध से सऊदी अरब और यूएई जैसे तटस्थ रह सकते हैं. वहीं एशिया से रूस भी ईरान का साथ दे सकता है क्योंकि अमेरिका इजराइल के साथ खड़ा है. इसके अलावा चीन, तुर्कमेनिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देशों को भी ईरान के साथ ला सकता है.
भारत रह सकता है तटस्थ
वहीं भारत हमेशा की तरह तटस्थता और शांति की पहल पर काम कर सकता है. भारत के ईरान और इजराइल दोनों के मधुर संबंध हैं. ऐसे में वह हमेशा की तरह तटस्थता के रास्ते पर चलते हुए दोनों ही देशों से शांति की अपील कर सकता है.
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