इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी
Most powerful person in Europe: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी को पोलिटिको (Politico) ने “यूरोप की सबसे शक्तिशाली व्यक्ति” के रूप में नामित किया है. यह घोषणा मीडिया हाउस की वार्षिक रैंकिंग सूची में की गई, जिसमें महाद्वीप के 28 सबसे प्रभावशाली लोगों को शामिल किया गया है.
पोलिटिको के अनुसार, यह सूची महाद्वीप में एक नए बदलाव को दर्शाती है. पोलिटिको ने कहा कि इस सूची से यह साफ है कि दक्षिणपंथी और अल्ट्रानेशनलिस्ट नेता तेजी से मजबूत हो रहे हैं. ये नेता नागरिक अधिकारों को कमजोर करने और शरणार्थियों व अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए चर्चा में रहते हैं.
मेलोनी का राजनीतिक सफर
जॉर्जिया मेलोनी ने एक अल्ट्रानेशनलिस्ट नेता से इटली की प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय किया. वह अपने शुरुआती दिनों में नियो-फासीवादी आंदोलन और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इटली के तानाशाह रहे बेनिटो मुसोलिनी का समर्थन कर चुकी हैं. हालांकि, पिछले 10 सालों में मेलोनी ने अपने राजनीतिक अप्रोच में बड़ा बदलाव किया है. “ब्रदर्स ऑफ इटली” पार्टी की प्रमुख और फिर इटली की प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने एक संतुलित और केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया.
सख्त नीतियों के लिए मशहूर
मेलोनी ने 2022 में प्रधानमंत्री बनने के बाद कड़े फैसले लिए. उन्होंने प्रवासन (Migration) और LGBTQ+ अधिकारों पर कड़े फैसले लिए. उनकी प्रवासन नीति को यूरोपीय संघ का समर्थन मिला, जिसमें ट्यूनीशिया और मिस्र के साथ विवादास्पद समझौते शामिल हैं. हालांकि, इस नीति ने कमजोर वर्गों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं.
मेलोनी को यूरोप में दक्षिणपंथी नेता माना जाता है, लेकिन उन्होंने राष्ट्रवाद और व्यावहारिक शासन के बीच संतुलन बनाकर खुद को एक मजबूत नेता साबित किया है.
लोकतंत्र और प्रेस स्वतंत्रता पर सवाल
इटली की राजनीति को स्थिरता देने का श्रेय मेलोनी को जाता है. वह अपने मजबूत नेतृत्व और रणनीतिक सोच के लिए जानी जाती हैं. वह अपने विरोधियों को अपनी रणनीतिक सोच और सख्त रवैये से मात देती रही हैं. हालांकि, उनकी नीतियों ने लोकतंत्र और प्रेस स्वतंत्रता को लेकर सवाल खड़े किए हैं. अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा पर सवाल उठाए गए हैं.
पोलिटिको की रैंकिंग तीन श्रेणियों में विभाजित है – “डूअर्स,” “डिसरप्टर्स,” और “ड्रीमर्स.” इसमें 20 स्थान राजनेताओं को मिले हैं. सूची में दक्षिणपंथी और रूढ़िवादी नेताओं को सात-सात स्थान दिए गए हैं. पोप फ्रांसिस इस सूची में शामिल एकमात्र गैर-यूरोपीय व्यक्ति हैं.
ये भी पढ़ें- Ayush Visa: 1 साल में भारत ने जारी किए 340 आयुष वीजा, जानिए देश में कैसे बढ़ता जा रहा है मेडिकल टूरिज्म
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.