मोहम्मद मुइज्जु. (फाइल फोटो: IANS)
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने अपने देश में भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं. यह फैसला मालदीव की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. यह फैसला तब आया जब भारत ने डिजिटल और वित्तीय सेवाओं में मालदीव की मदद करने पर सहमति जताई, जिसमें UPI और यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी जैसी सेवाएं शामिल हैं.
यह समझौता अगस्त में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की तीन दिन की मालदीव यात्रा के दौरान हुआ था. UPI को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है. यह एक रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम है, जो मोबाइल फोन के जरिए बैंकों के बीच लेन-देन को आसान बनाता है.
अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान के अनुसार, यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को काफी लाभ पहुंचाएगा. इससे वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा मिलेगा, लेन-देन की प्रक्रिया तेज और आसान होगी, और देश के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी. राष्ट्रपति मुइज्जु ने इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए वित्त मंत्रालय, गृह सुरक्षा और तकनीकी मंत्रालय और मालदीव के मौद्रिक प्राधिकरण (Monetary Authority) से मिलकर एक टीम बनाई है. यह टीम UPI को मालदीव में लागू करने के काम को देखेगी.
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मालदीव-भारत संबंधो में सुधार
मालदीव का भारत के साथ संबंध पहले कुछ समय से तनावपूर्ण था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे सुधर रहा है. मालदीव की अर्थव्यवस्था पर पिछले साल से दबाव बढ़ा है, क्योंकि यह पर्यटन पर बहुत ज्यादा निर्भर है. खासकर भारतीय पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट के कारण इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पर्यटन मालदीव की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, जो देश की GDP का लगभग 30 प्रतिशत है और 60 प्रतिशत से अधिक विदेशी मुद्रा (Foreign Exchange) लाता है.
राष्ट्रपति मुइज्जु ने पिछले साल ‘India Out’ कैंपेन के जरिये चुनाव जीता था और भारत से अपने सैन्य कर्मियों को मई तक देश से हटाने की मांग की थी. हालांकि, इसके बाद से उन्होंने अपनी भारत-विरोधी नीति को नरम किया है और इस महीने (अक्टूबर) की शुरुआत में भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा भी की.
-भारत एक्सप्रेस