पीएम मोदी
PM Modi Austria Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रिया दौरे पर हैं. कल यानी बुधवार को उन्होंने विएना में सामुदायिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया और कहा कि आज भारत की पूरी दुनिया में बहुत चर्चा हो रही है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हजारों वर्षों से हम दुनिया के साथ ज्ञान और विशेषज्ञता साझा करते आ रहे हैं. हम सीना तानकर दुनिया को कह सकते हैं कि हमने युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं. इस दौरान कार्यक्रम स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था.
भारत ने की है हमेशा शांति की बात
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत ने हमेशा शांति की बात की है. इसलिए 21वीं सदी की दुनिया में भी भारत अपनी भूमिका को सशक्त करने वाला है. आज दुनिया भारत को विश्व बंधु के रूप में देखती है, ये हमारे लिए गर्व की बात है. आज भारत के बारे में सुनकर आपका सीना भी 56 इंच का हो जाता होगा.
The world sees India with great hope. pic.twitter.com/Pu0bXptnO3
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2024
भारत और ऑस्ट्रिया अपनी दोस्ती के मना रहे हैं 75 वर्ष
इस मौके पर भारतवंशियों को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत और आस्ट्रिया के रिश्तों की भी बात की. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रिया का ये मेरा पहला दौरा है, जो उत्साह, उमंग मैं यहां देख रहा हूं वो अद्भूत है. 41 साल बाद भारत के किसी पीएम का यहां आना हुआ है. ये इंतजार एक ऐतिहासिक अवसर पर खत्म हुआ है. भारत और ऑस्ट्रिया अपनी दोस्ती के 75 वर्ष मना रहा है.
शानदार है ऑस्ट्रिया का इतिहास
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत की तरह ही ऑस्ट्रिया का इतिहास और संस्कृति भी बहुत पुरानी और शानदार रही है. हमारा एक दूसरे से संपर्क भी ऐतिहासिक रहा है. इसका फायदा दोनों देशों को मिला है. यह फायदा संस्कृति के साथ-साथ व्यापार को लेकर भी हुआ है. मेरा हमेशा से मत रहा है कि दो देशों के बीच के रिश्ते सिर्फ सरकारों से नहीं बनते, रिश्तों को मजबूती देने में जन-भागीदारी बहुत जरूरी है. इसलिए मैं इन रिश्तों के लिए आप सभी के रोल को अहम मानता हूं.
Culture has immense potential to bring India and Austria even closer. pic.twitter.com/h3rRRbISKv
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2024
हम दोनों के बीच अनेक समानताएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से भारत और ऑस्ट्रिया दो अलग-अलग छोर पर हैं, लेकिन हम दोनों के बीच अनेक समानताएं हैं. लोकतंत्र हम दोनों देशों को जोड़ता है. स्वतंत्रता, समानता, बहुलवाद और कानून शासन का आदर हमारी साझा मूल्य हैं. हम दोनों समाज बहु संवर्धित और बहुभाषी हैं.
लोकसभा चुनाव को लेकर कही ये बात
पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि ऑस्ट्रिया में कुछ महीनों के बाद चुनाव होने वाले हैं जबकि भारत में हमने अभी-अभी लोकतंत्र का पर्व आन बान शान के साथ मनाया है. आज भारत में चुनावों के बारे में सुनकर दुनिया भर के लोग हैरान हो जाते हैं. कुछ सप्ताह पहले ही संपन्न हुए चुनावों में 650 मिलियन से अधिक लोगों ने मतदान किया, यानी कि 65 ऑस्ट्रिया के बराबर लोगों ने इसमें हिस्सा लिया. कल्पना कीजिए, इतनी बड़ी चुनावी प्रक्रिया होती है, लेकिन मतदान के परिणाम कुछ ही घंटों के अंदर स्पष्ट हो जाते हैं. यह हमारी चुनावी मशीनरी और हमारे लोकतंत्र की ताकत है. भारत में सैकड़ों राजनीतिक दलों के 8000 से अधिक उम्मीदवारों ने इन चुनावों में भाग लिया. इस स्तर का मुकाबला, इतना विविध मुकाबला, उसके बाद ही जनता ने अपना जनादेश दिया. 60 साल बाद किसी सरकार को भारत में लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर मिला है.
The people of India voted for stability and continuity. pic.twitter.com/PVyfWnxmwF
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2024
पीएम मोदी ने की कोरोना की बात
पीएम मोदी ने इस मौके पर कोरोना काल को लेकर कहा कि इस के बाद के युग में हमने दुनिया भर में हर जगह राजनीतिक अस्थिरता देखी. अधिकांश देशों में सरकारों के लिए बचना आसान नहीं था. दोबारा चुने जाना एक चुनौती रही है. ऐसी स्थिति में भारत की जनता ने मुझ पर, मेरी पार्टी और NDA पर अपना विश्वास जताया. यह जनादेश इस बात का प्रमाण है कि भारत स्थिरता और निरंतरता चाहता है. ये जनादेश पिछले 10 वर्षों की नीति और कार्यक्रमों का है. ये जनादेश सुशासन का है, ये जनादेश बड़े संकल्पों के लिए समर्पित होकर काम करने का है.
हम जल्द ही शीर्ष पर होंगे
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज भारत 8% की दर से बढ़ रहा है. आज हम 5वें स्थान पर हैं और जल्द ही हम शीर्ष 3 में होंगे. मैंने अपने देश के लोगों से वादा किया था कि मैं भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाऊंगा. हम सिर्फ़ शीर्ष स्थान पर पहुँचने के लिए काम नहीं कर रहे हैं, हमारा मिशन 2047 है. आज भारत कम कागज और कम नकदी वाली, लेकिन निर्बाध अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है. आज भारत सबसे बेहतरीन, सबसे उज्ज्वल, सबसे बड़े और सबसे ऊंचे मील के पत्थर के लिए काम कर रहा है. आज हम भारत को उद्योग 4.0 और हरित भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं.
यहां के विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाती थी संस्कृत
पीएम मोदी ने इस मौके पर ये भी बताया कि करीब 200 साल पहले वियना विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ाई जाती थी. 1880 में इंडोलॉजी के लिए एक स्वतंत्र पीठ की स्थापना के साथ ही इसे और बढ़ावा मिला. आज मुझे कुछ प्रख्यात इंडोलॉजिस्ट से मिलने का मौका मिला, उनकी चर्चाओं से यह स्पष्ट था कि उन्हें भारत में बहुत रुचि थी.
There is a lot that connects India and Austria. pic.twitter.com/6OibvEHVV4
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2024
-भारत एक्सप्रेस
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