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‘PM मोदी और ट्रंप की दोस्‍ती शानदार’, व्हाइट हाउस ने इंडो-पैसेफिक में भारत को बताया बड़ा रणनीतिक सहयोगी

व्हाइट हाउस ने ट्रंप और पीएम मोदी के संबंधों को शानदार बताते हुए भारत को इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक सहयोगी कहा. अब जल्द ही भारत-अमेरिका व्यापार सौदा होने की संभावना है. दोनों देशों में कृषि और स्टील पर टैरिफ पर चर्चा जारी है.

Tahawwur Rana

पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप.

Vijay Ram Edited by Vijay Ram

अमेरिकी सत्‍ता के केंद्र व्हाइट हाउस ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत बताते हुए कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं. व्हाइट हाउस प्रेस सचिव करोलिन लेविट ने हाल ही में एक बयान में भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी बताया.

यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक चर्चाएं चल रही हैं. लेविट ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देना चाहता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है. वर्तमान में, दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप जल्द ही एक बड़ा समझौता होने की संभावना है.

व्यापार सौदे की संभावनाएं

रिपोर्ट के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रही व्यापार वार्ता में प्रगति हुई है. व्हाइट हाउस के बयान के मुताबिक, ट्रंप ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत के साथ एक “बड़ा और सुंदर” व्यापार सौदा जल्द ही होगा, जो दोनों देशों के बाजारों को खोलेगा. इस सौदे में कृषि उत्पादों, ऑटो पार्ट्स और स्टील पर टैरिफ में कमी जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है. हालांकि, भारत ने अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों के संरक्षण के लिए “लाल रेखाएं” खींची हैं, जबकि अमेरिका बाजार में और खुलापन चाहता है. व्हाइट हाउस ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी न केवल आर्थिक बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है.

इस बयान ने दोनों नेताओं की व्यक्तिगत दोस्ती और द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित किया है. व्हाइट हाउस ने संकेत दिया कि भविष्य में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा की योजना बनाई जा रही है, जो इन संबंधों को और मजबूत करेगी.

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-अमेरिका के बीच बढ़ता सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने में मददगार होगा. इस बीच, व्यापार वार्ता में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है. यह संबंध न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्रीय शांति के लिए भी एक मजबूत आधार प्रदान करेगा.



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